रांची : पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी की शिकायत पर कोतवाली थाना में दर्ज केस की जांच करने के लिए सीबीआइ की तर्ज पर सीआइडी मुख्यालय ने टीम का गठन किया है. सीआइडी के डीएसपी रंजीत लकड़ा टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्हें सहयोग करने के लिए इंस्पेक्टर सहित दूसरे रैंक के सीआइडी के अफसरों और कर्मियों को टीम में शामिल किया गया है. टीम ने जांच शुरू कर दी है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में कोतवाली थाना की पुलिस मामले की जांच कर रही थी. लेकिन बाद में रांची रेंज के डीआइजी की अनुशंसा पर केस सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया गया था.
केस के अनुसंधानक सीआइडी के इंस्पेक्टर शैलेश गुप्ता थे. लेकिन सीआइडी एडीजी अनिल पालटा के आने के बाद केस में साक्ष्य एकत्रित करने के लिए सीबीआइ की तरह जांच करने की परंपरा सीआइडी में विकसित की गयी है. इसके बाद ही केस का अनुसंधान नये सिरे से शुरू हुआ है.क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री की शिकायत पर कोतवाली थाना में 16 जनवरी 2019 को केस दर्ज हुआ था. केस में विजय तिवारी, अजय तिवारी व संजय तिवारी तीनों भाई के अलावा आलोक तिवारी को आरोपी बनाया था.
चारों पर आरोप था कि केएन त्रिपाठी के लेटर हेड का फोटोकॉपी निकाल कर उनके हस्ताक्षर को स्कैन किया और एक लेख पत्र रांची जीपीओ से सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा पार्टी के बड़े नेताओं को भेज दिया. जिसमें केएन त्रिपाठी सहित कांग्रेस के दूसरे नेताओं के बारे में आपत्तिजनक बातों के अलावा केएन त्रिपाठी के पार्टी छोड़ने के लिए बात लिखी गयी थी. प्राथमिकी में त्रिपाठी ने आरोपियों पर छवि धूमिल करने, मानहानि और फर्जीवाड़ा का भी आरोप लगाया था. लेकिन पूर्व की जांच में पुलिस किसी पर आरोप साबित नहीं कर सकी थी.