पटना : आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलोजी डिपार्टमेंट ने राज्य का गौरव बढ़ाया है. इसकी लैब को स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की टीबी डिविजन की ओर से एनटीइपी सर्टिफिकेट मिला है. यह सर्टिफिकेट पाने वाली बिहार व झारखंड की यह पहली लैब है. लैब टीबी की दवाओं के प्रभाव को बेहद कम समय में जांचती है. टीबी के मरीजों को कौन सी दवा देना बेहतर रहेगा, इसे यह लैब टेस्ट के बाद बताती है.
इससे मरीजों को सही इलाज मिलता है और वे जल्दी ठीक होते हैं. इस टेस्ट से एमडीआर टीबी के मरीजों को भी ठीक करने में मदद मिलती है. इसके बारे में जानकारी देते हुए माइक्रोबायोलोजी विभाग के एचओडी डाॅ एसके शाही ने कहा कि यह पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है. हमारे काम को अब भारत सरकार की मान्यता मिल गयी है.
उन्होंने बताया कि आइजीआइएमएस में टीबी की जांच, इलाज, दवा, खाना, रहना सब निशुल्क है. हम लैब में जांच कर बताते हैं कि टीबी के गंभीर मरीज को कौन सी दवा देना बेहतर रहेगा जिससे वह आसानी से ठीक हो सकता है.