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Lockdown के बाद खुल रहे दफ्तर, दुविधा में है हर कंंपनी, कैसे होगी कर्मियों की मेडिकल जांच

Coronavirus: कोरोना वायरस को लेकर देश में लागू लॉकडाउन (LOckdown) के बाद आज देश के कई राज्यों में विभिन्न कंपनियों ने काम काज शुरु कर दिया है. इस बीच कंपनियां एंप्लॉयीज के वापस काम पर लौटाने के तौर-तरीके तलाशने लगी हैं. कुछ कंपनियों ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं. क्योंकि वे इस बात को लेकर क्लियर नहीं हैं कि एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट कितना कारगर साबित होंगे. कंपनियों ने कहा है कि उनकी उम्मीदें एंटीबॉडी टेस्ट (Antibody test) पर टिकी हैं क्योंकि बहुत से दूसरे देशों में एंटीबॉडी टेस्ट के आधार पर रिस्क फ्री सर्टिफिकेट जारी किए गए है.

कोरोना वायरस को लेकर देश में लागू लॉकडाउन के बाद आज देश के कई राज्यों में विभिन्न कंपनियों ने काम काज शुरु कर दिया है. इस बीच कंपनियां एंप्लॉयीज के वापस काम पर लौटाने के तौर-तरीके तलाशने लगी हैं. कुछ कंपनियों ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं. क्योंकि वे इस बात को लेकर क्लियर नहीं हैं कि एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट कितना कारगर साबित होंगे. कंपनियों ने कहा है कि उनकी उम्मीदें एंटीबॉडी टेस्ट पर टिकी हैं क्योंकि बहुत से दूसरे देशों में एंटीबॉडी टेस्ट के आधार पर रिस्क फ्री सर्टिफिकेट जारी किए गए है. इस सर्टिफिकेट के आधार पर बताया गया है कि वे फिट और वायरस से सुरक्षित हैं. इसके बाद उन्हें काम पर आने के लिए कहा गया है. पर अभी भी देश में एंटीबॉडी टेस्ट के जांच के दायरे में आने से बहुत कन्फ्यूजन हो रहा है.

RT-PCR टेस्ट कंपनियों के लिए महंगा ऑप्शन

एक कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा की वो चाहते हैं कि जब वो वापस काम पर आयें तो सुरक्षित रहे. हमारा यहा ख्याल है कि एंटीबॉडी टेस्ट से हमें इसमें मदद मिल सकती है. हालांकि सभी कर्मचारियों का RT-PCR कराना संभव नहीं है. इसलिए हम हर विकल्प पर विचार करने को तैयार हैं. RT-PCR टेस्ट कंपनियों के लिए महंगा ऑप्शन है और फिलहाल किट की भी कमी है. इसलिए यह एक बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है. ICMR के एक्सपर्ट्स इसे लेकर आने वाले समय में पूल टेस्ट पर विचार कर रहे हैं. पूल टेस्टिंग प्रक्रिया में कई रुई के फाहे से सैंपल लेकर टेस्ट ट्यूब में डाले जाएंगे और सिंगल RT-PCR टेस्ट से उनकी जांच की जाएगी. टेस्ट नेगेटिव होने पर माना जाएगा कि किसी को संक्रमण नहीं है और टेस्ट पॉजिटिव निकलने पर कन्फर्मेशन के लिए सबकी अलग-अलग जांच की जाएगी.

RT-PCR पूंलिंग का सुझाव

प्राइवेट लैब ओनर की माने तो एंटीबॉडी टेस्ट के रिजल्ट सटीक नहीं होते हैं. सैंपल की RT-PCR पूंलिंग एक बेहतर विकल्प हो सकत है. इसलिए कंपनियां इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकती हैं कि उनके यहां काम करनेवाले लोग संक्रमण से सुरक्षित हैं. RT-PCR पूंलिंग मेथड से एक पूरा परिवार या लोकल क्लस्टर के कई लोगों के सैंपल की जांच एक साथ की जाती है. जानकार बताते हैं कि अगर तेजी से नतीजे चाहिए तो पूल टेस्टिंग जांच के दायरे को बढ़ाना होगा. बता दे कि आज से दिल्ली, गुरुग्राम, समेत देश के कई राज्यों में कुछ कंपनियों ने अपना काम-काज शुरू कर दिया है.

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