रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार (3 मई, 2020) को कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉकडाउन की स्थिति पर चर्चा की. श्री मुंडा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े.
इससे पहले, शनिवार (2 मई, 2020) को भी अर्जुन मुंडा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये झारखंड के विभिन्न संगठनों के साथ बातचीत की थी. उन्होंने मारवाड़ी युवा मंच, आदिवासी मुंडा समाज, भारत मुंडा समाज और कई अन्य संगठनों के साथ बातचीत की थी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में श्री मुंडा ने कहा था कि जो प्रवासी मजदूर, छात्र और अन्य लोग झारखंड या अपने प्रदेशों में लौट रहे हैं, उन्हें सावधान रहना होगा. अगर वे सावधानी नहीं बरतेंगे, तो यह उस प्रदेश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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श्री मुंडा ने अपने घर को लौटे प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों से अपील की कि वे पूरी तरह गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों का पालन करें. खुद को होम क्वारेंटाइन में रखें. यदि उन्हें लगता है कि उनमें कोरोना के लक्षण हो सकते हैं, तो तत्काल सरकारी अस्पताल में जाकर इसकी जांच करवायें.
श्री मुंडा ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झारखंड एवं ओड़िशा के लोगों से कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित जिलों में उठाये जा रहे सुरक्षा के कदमों के बारे में जानकारी ली. श्री मुंडा ने कहा कि हमें इस बीमारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखना होगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस काम में सामाजिक संस्थाओं का योगदान महत्वपूर्ण है. संगठनों को चाहिए कि वे लोगों को जागरूक करें. मारवाड़ी युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने श्री मुंडा को बताया कि मंच प्रतिदिन जरूरतमंद लोगों को भोजन, अनाज उपलब्ध कर रहा है.
कोरोना वारियर्स को मंच की ओर से मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है. पशुओं को भी चारा एवं भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा जिला प्रशासन को पूरा सहयोग किया जा रहा है. मंच ने अपना एंबुलेंस भी प्रशासन को उपलब्ध कराया है. जहां उसके भवन हैं, उसे क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का प्रस्ताव भी जिला प्रशासन को दिया है.
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आदिवासी मुंडा समाज और भारत मुंडा समाज के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं से श्री मुंडा को अवगत कराया. उन्होंने उनके रोजगार और भरण-पोषण का मुद्दा उठाया.