कोरोनावायरस संक्रमण से ठीक होने वाले कई लोगों की कहानियां आपने सुनी होंगी कि उन्होंने अस्पताल में कैसा महसूस किया. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कोविड-19 को मात देने वाले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बारे जिन्होंने अपने इलाज से जुड़ी कई बातें सार्वजनिक की हैं. पीएम जॉनसन 26 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद उन्हें लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दूसरे ही दिन उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था. अब वो पूरी तरह ठीक होने के बाद वो काम पर भी दोबारा वापस आ गए हैं.
Also Read: J&K: हंदवाड़ा में चला 20 घंटे का आर्मी ऑपरेशन, 5 जवान शहीद, 2 आतंकी मारे गए
‘सन’ अखबार को दिए एक इंटरव्यू में बोरिस जॉनसन ने कहा कि अस्पताल में उन्हें जिंदा रखने के लिए डॉक्टरों ने उन्हें कई लीटर ऑक्सीजन दिए थे. उन्होंने कहा कि वो अस्पताल में सिर्फ यही सोचते रहते थे कि वो इन सबसे कब बाहर निकलेंगे. उनकी गर्ल फ्रेंड कैरी साइमंड्स ने कहा है कि उन दोनों ने अपने बेटे का नाम उन दो डॉक्टरों के नाम पर रखा है जो प्रधानमंत्री के इलाज में शामिल थे. उन दोनों ने अपने बेटे का नाम विल्फ्रेड लॉरी निकोलस जॉनसन रखा है. प्रधानमंत्री के अस्पताल से बाहर आने के कुछ ही दिनों बाद उनके बेटे का जन्म हुआ था.
बोरिस जॉनसन ने कहा कि डॉक्टरों ने इस बात का भी इंतजाम कर लिया था कि अगर उनकी हालत बिगड़ती है तो वो क्या करेंगे. जॉनसन का कहना था, ये विश्वास करना मुश्किल था कि सिर्फ कुछ ही दिनों में मेरी हालत इतनी खराब हो गयी थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उनका बहुत ध्यान रखा था जिसके कारण वो ठीक हो सके.सोशल मीडिया पर अपने बच्चे की तस्वीर पोस्ट करते हुए कैरी साइमंड्स ने कहा कि उनके बच्चे का दूसरा मिडिल नाम निकोलस डॉक्टर निक प्राइस और डॉक्टर निक हार्ट के नाम पर रखा गया है जिन्होंने प्रधानमंत्री की जान बचाई थी.
बीबीसी के मुताबिक, दोनों डॉक्टरों ने बयान जारी कर बताया, इस तरह से पहचाने जाने से हमलोग सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहे हैं. सेंट थॉमस अस्पताल में जिन डॉक्टरों के साथ हमलोग काम करते हैं उनका शुक्रिया अदा करते हैं, और हमलोग इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि हर मरीज को सबसे बेहतरीन इलाज मिले. नये परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और ख़ुशियों की हम कामना करते हैं.
संडे टेलीग्राफ के मुताबिक, कोरोना के कारण ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 28,131 हो गयी है. ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या अब इटली के लगभग बराबर पहुंच गई है. अमेरिका के बाद इटली में कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक मौतें हुई हैं. शुरुआती दौर में सरकार को इस संकट से निपटने के तरीकों को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी थी. इधर, ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि इसका कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है कि कोई व्यक्ति दोबारा कोरोना से संक्रमित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के पास इस बात को लेकर पर्याप्त जानकारी अब तक मौजूद नहीं है.