रांची : हवाई नगर की रहने वाली उषा देवी भी अपने बेटा-बेटी के साथ वहां रह रही थी. उन्होंने कहा कि जिनके भी परिजन वहां थे, उनके बच्चों को ज्यादा परेशानी नहीं थी. फिर भी लग रहा था कि लॉक डाउन में कैसे अपने घर वापस लौटा जाये. उनका बेटा अंकित राज नीट की तैयारी कर रहा है और बेटी अंजलि राज 11वीं में पढ़ रही है. कहा कि फिलहाल उनका कोई इरादा वापस कोटा जाने का नहीं है. जब तक लॉक डाउन पूरी तरह समाप्त होकर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, वे कोटा जाने के बारे में सोच भी नहीं सकते.
उन्होंने कहा कि जिनके भी माता-पिता वहां नहीं थे, उन्हें खाने-पीने को लेकर काफी परेशानी हो रही थी.40 हजार रुपये मांगा जा रहा था भाड़ाविद्यार्थियों ने कहा कि कार से कोटा से रांची आने के लिए 40 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. इस कारण साधारण व मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे काफी परेशान थे. ट्रेन के खुलने की सूचना मिलने पर उनमें खुशी की लहर दौड़ गयी. उन्होंने कहा कि सभी सरकार ने हम लोगों के लिए बेहतर प्रबंध किया, तभी हमलोग बिना पैसे के घर पहुंच गये.