रांची : कोरोना से लोग इस कदर भयभीत हो गये हैं कि हर कोई एक दूसरे को शक की निगाह से देख रहा है. यहां तक कि बाहर से आने पर घर में घुसने नहीं दे रहे हैं. ऐसा ही कुछ हुआ रातू थाना के झिरी गांव, चटकपुर बस्ती के एक युवक के साथ. मंगलवार को युवक पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर से दिन के लगभग 12 बजे अपने घर पहुंचा. उसने सोचा कि लॉकडाउन में कम-से-कम अपने घर तो पहुंच गया, लेकिन घरवालों ने रखना तो दूर घर में घुसने तक नहीं दिया. यह भी नहीं पूछा कि खाना खाया है कि नहीं.
जबकि उसके पास पैसे तक नहीं थे. साफ शब्दों में कह दिया कि पहले अस्पताल से कोरोना टेस्ट करा कर आओ. युवक ने भी कुछ नहीं बोला. सिर झुका कर लौट गया. वह पैदल ही पिस्का मोड़ के चौराहे पर आकर बैठ गया. वहां पुलिसवालों को आपबीती बतायी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. दिन के एक बजे तक युवक वहीं बैठा रहा.
गुरुद्वारा के बगल में किराना दुकानवालों की नजर पड़ी. उसका हाल पूछा तो वह रोने लगा. कहा, बारिश में भींग गया था. बुखार जैसा लग रहा है. कुछ खाया भी नहीं हूं. अगर संभव हो तो मुझे अस्पताल भेजने की व्यवस्था कर दीजिए. पूछनेवाले भी डर गये. शाम 7.30 बजे एक पत्रकार को पता चला तो उसने युवक को बिस्किट व पानी का बोतल दिया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी. रात करीब 9.15 बजे एंबुलेंस आयी और उसे अस्पताल ले जाया गया.