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उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन घोटालों से बचाने के लिए गूगल लांच करेगा एक नयी वेबसाइट

कोविड-19 महामारी के बीच ऑनलाइन घोटालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गूगल एक नयी वेबसाइट लांच करने जा रहा है.

एक ओर जहां पूरा देश कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की जंग लड़ रहा है, वहीं बड़ी संख्या में स्कैमर इस मौके का फायद उठाकर लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने की फिराक में लगे हैं. कोविड-19 महामारी के बीच ऑनलाइन घोटालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गूगल एक नयी वेबसाइट लांच करने जा रहा है. इस वेबसाइट का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को फर्जी मेल की जानकारी देना है. खासतौर से वे फर्जी मेल, जिनमें कोविड-19 के चलते जरूरतमंदों के लिए दान देने या एनजीओ की ओर से चलायी जानेवाले विशेष मुहीम में सहयोग मांगने का दावा किया जाता है, इन पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से पहले गूगल द्वारा लांच की गयी वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा संबंधी चेतावनी देगी. फिलहाल, वेबसाइट को हिंदी व अंग्रेजी भाषा में लांच किया जा रहा है, जल्द ही इसे क्षेत्रीय भाषाओं में रोलआउट करने की तैयारी की जा रही है.

असली जैसे दिखते हैं अधिकतर नकली लिंक : अक्सर देखा जाता है कि धोखाधड‍़ी के लिए स्कैमर द्वारा जो नकली लिंक तैयार किये जाते हैं, वे असली लिंक की तरह ही दिखायी देते हैं. इसी के चलते उपयोगकर्ता इन फेक लिंक्स को असली समझ लेते हैं और इन पर क्लिक कर देते हैं. गूगल द्वारा तैयार की गयी वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करने या किसी लिंक या इ-मेल पर क्लिक करने से पहले दो बार जांच करने की चेतावनी देगी.

बढ़ गयी है मालवेयर वेबसाइटों की संख्या : गूगल सिस्टम ने बीते कुछ दिनों में इंटरनेट पर ऐसी कई मालवेयर वेबसाइटों की संख्या को बढ़ते देखा है, जो लोकप्रिय सोशल मीडिया अकाउंट या स्वास्थ्य संगठनों के अकाउंट द्वारा ग्राहकों से साइन-इन करने की मांग कर रही हैं. गूगल ने यह आशंका जतायी है कि इनमें से कई प्लेटफॉर्म फर्जी हैं, जिन्हें लोगों को ठगने के उद्देश्य से बनाया गया है.

गूगल उत्पादों में है एडवांस सिक्योरिटी प्रोटेक्शन : गूगल ने बताया है कि उसने उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने से पहले स्वचालित रूप से खतरों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए गूगल उत्पादों में एडवांस सिक्योरिटी प्रोटेक्शन सिस्टम का निर्माण किया है. जीमेल में गूगल मशीन लर्निंग मॉड्यूल के माध्यम से प्रतिदिन 99.9 प्रतिशत स्पैम, फिशिंग और मालवेयर्स की पहचान कर उन्हें डिलीट कर दिया जाता है. इसके अलावा क्रोम ब्राउजर में निर्मित सुरक्षा सिस्टम भी धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों को पहचान कर उपयोगकर्ताओं को इनसे सतर्क रहने की चेतावनी देता है. उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन घोटालों से बचाने के लिए गूगल प्ले प्रोटेक्ट सिस्टम से लाखों ऐप्स को स्कैन करने के बाद गूगल प्ले पर अपलोड किया जाता है.

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