पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में जलजमाव की समस्या के स्थायी समाधान पर जोर दिया. उन्होंने इसके लिए तात्कालिक व्यवस्था के साथ-साथ बढ़ती आबादी को देखते हुए अगले 40-50 साल की जरूरतों का आकलन करते हुए प्लान बनाने को कहा. साथ ही शहर के सभी नौ बड़े नालों की उड़ाही और सफाई का काम जल्द पूरा करने और इसकी निरंतर मॉनीटरिंग के भी निर्देश दिये. मुख्यमंत्री एक अण्णे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पटना शहर और आसपास में जलजमाव से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
उन्होंने अधिकारियों से पिछले साल हुए जलजमाव पर आयी उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन करने और इसकी अनुशंसाओं के अनुसार काम करने को कहा. उन्होंने उच्च स्तरीय कमेटी को भी नियमित मॉनीटरिंग करते रहने की ताकीद की. गंगा में नहीं गिरे गंदा पानी :मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों से गंदा पानी पुनपुन नदी के माध्यम से गंगा नदी में नहीं जाये. इसका खासतौर से ख्याल रखा जाये. गंदे पानी को एसटीपी के माध्यम से शुद्ध कर उसका उपयोग कृषि कार्यों में किया जाये. उन्होंने कहा कि आबादी बढ़ रही है. निचले इलाकों में भी लोग बस रहे हैं. उन क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन क्षेत्रों के जल को जमीन के नीचे ले जाने की भी योजना बनाएं.
रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तर्ज पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज के विकल्पों को तलाशें. कूड़े की डंपिंग के लिए शहर में हो व्यवस्था :मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में कूड़े की डंपिंग के लिए समुचित व्यवस्था की जाये. इसके लिए सही जगह का चयन करें, ताकि नागरियों को परेशानी नहीं हो. पटना स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों में तेजी लाएं. आर ब्लॉक-दीघा सड़क में ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था की जाये. संप हाउस की क्षमता बढ़ायी जाये मुख्यमंत्री ने कहा कि संप हाउस की क्षमता बढ़ायी जाये. ऑउट फॉल ड्रेन से संप हाउस की कनेक्टिविटी में किसी प्रकार का गैप न रहे. सभी संप हाउस के लिए डेडिकेटेड फीडर के साथ-साथ वैकल्पिक फीडर की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो सके.
बादशाही नाले से सहज जलनिकासी सुनिश्चित की जाये और नाले की दोनों तरफ पौधाराेपण किया जाये. नाले की पक्की फेंसिंग भी की जाये. 10 मई से पहले पूरा होगा नाला उड़ाही का कामनगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने बताया कि शहर के सभी नालों की उड़ाही का काम 10 मई से पहले पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद नगर निगम, जिला प्रशासन और नगर विकास विभाग की संयुक्त टीम इसकी जांच करेगी. मॉनसून के दौरान 15 जून से 15 सितंबर तक इसकी लगातार निगरानी भी की जायेगी.
एक अक्तूबर से 15 फरवरी तक इस पर विशेष नजर रखी जायेगी. बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा व गोपाल सिंह मौजूद थे. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा, जल संसाधन मंत्री संजय झा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल, डीएम कुमार रवि जुड़े हुए थे.