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Covid-19 : कैलाश विजयवर्गीय ने ममता को लिखा खुला पत्र, कहा – केंद्र व बीजेपी से लड़ना बंद करें राज्य सरकार, तुष्टीकरण की नीति अपनाने का लगाया आरोप

भाजपा महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Cm Mamta Banerjee) को खुला पत्र लिखा है. पत्र में श्री विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री पर केंद्र सरकार, राज्यपाल और भाजपा के साथ लड़ाई बंद करने और कोरोना से मुकाबला करने का आह्वान किया है.

कोलकाता : भाजपा महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Cm Mamta Banerjee) को खुला पत्र लिखा है. पत्र में श्री विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री पर केंद्र सरकार, राज्यपाल और भाजपा के साथ लड़ाई बंद करने और कोरोना से मुकाबला करने का आह्वान किया है. श्री विजयवर्गीय ने अपने पत्र में लिखा कि वह बहुत दुख के साथ यह पत्र लिख रहे हैं.

पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है, जबकि मुख्यमंत्री ममता जी गंदी राजनीति कर रही हैं. वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता कर रही हैं. यह समय राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का नहीं है, बल्कि कोरोना से मुकाबला का है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामले को नियंत्रण करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये. राज्य में कोरोना संक्रमण से मृत्यु और संक्रमण के मामले छिपाये जा रहे हैं. अन्य राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण की कम जांच हुई है.

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उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक लाख जांच हुए हैं, जिनमें 7,000 संक्रमित पाये गये हैं. मध्यप्रदेश में 38,000 जांच हुए हैं तथा संक्रमण की दर 5.6 प्रतिशत है. कर्नाटक में 43,000 जांच हुए हैं तथा इनमें 1.1 7% लोग संक्रमित पाये गये हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में 12,043 जांच हुए हैं उनमें 697 पॉजिटिव पाये गये हैं. यहां संक्रमण की दर 5.79 प्रतिशत है. इस तुलना से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में संक्रमण के मामले ज्यादा हैं. यदि सही से जांच होते तो और भी मामले पाये जाते.

श्री विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में लॉकडाउन पालन करवाने में पूरी तरह से असफल रही है. केंद्रीय पर्यवेक्षक टीम का भी विरोध किया जा रहा है. उसके साथ सहयोग नहीं किया जा रहा है. इससे पश्चिम बंगाल की स्थिति और भी विकट हुई है. पश्चिम बंगाल कोरोना संक्रमण के मामले में बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कोरोना महामारी मुकाबला की जगह राजनीति में जुटी हुई हैं. मुख्यमंत्री की नीतियों के कारण पश्चिम बंगाल बांग्लादेशी घुसपैठियों का शरणस्थल बन गया है. मुस्लिम समुदाय पर कोई नियंत्रण नहीं रहा है.

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टिकियापाड़ा में जिस तरह से पुलिस पर हमले किये गये हैं, वह शर्मनाक और निंदनीय हैं. पुलिस उन आक्रमणकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि निरीह महिलाओं के खिलाफ लाठीचार्ज किया जा रहा है. लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं. प्रधानमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लेकर तीन बार बैठक कर चुके हैं, ताकि महामारी पर लगाम लगायी जा सके, लेकिन मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के कारण लॉकडाउन पूरी तरह से पालन नहीं करवा रही हैं. वो खुद ही इसका उल्लंघन कर रही हैं.

श्री विजयवर्गीय ने राज्यपाल के साथ भी मुख्यमंत्री के असहयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के सांसदों और विधायकों को राहत सामग्री वितरण करने में बाधा दी जा रही है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जा रहे हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता, विधायक और कार्यकर्ता खुलेआम राशन सामग्री वितरित कर रहे हैं. इसमें मुख्यमंत्री भेदभाव कर रही हैं. उन्होंने राशन वितरण में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.

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