कोरोनावायरस संकट और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सरकार लगातार लोगों और उद्योगों की मुश्किलों को कम करने की दिशा में फैसले ले रही है. इसी कड़ी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पिछले अप्रैल माह में 10.02 लाख निकासी-दावों का निपटान किया है. इसके तहत कुल 3,600.85 करोड़ रुपये वितरित किए गए. इसमें से 6.06 लाख दावों के आवेदन कोरोना वायरस संकट के तहत ईपीएफ से पैसा निकालने की मिली अनुमति के तहत आए. कोरोना वायरस संकट के तहत ईपीएफ से 1654 करोड़ की निकासी हुई.
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) की शुरूआत 26 मार्च को की थी. इसके तहत ईपीएफ योजना से कर्मचारियों को पैसा निकालने की अनुमति देने की घोषणा की गई और तत्काल अधिसूचना जारी की गई. इसमें कर्मचारियों की कोरोना संकट से पार पाने में मदद के लिए अपने भविष्य निधि खाते में से तीन महीने का मूल वेतन या ईपीएफ खाते में जमा राशि का 75 फीसदी, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी गई है. अंशधारकों को इन पैसों को लौटाने की जरूरत नहीं है.
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श्रम एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कोरोना संकट के इस दौर में बड़ा काम किया है. पीटीआई के मुताबिक, बयान के अनुसार ईपीएफओ ने 10.02 लाख दावों का निपटान किया है. इसमें 6.06 लाख दावे कोरोना वायरस से जुड़े हैं. इसके तहत 3,600.85 करोड़ रुपये केवल 15 दिन में वितरित किए गए.
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मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण केवल एक तिहाई कर्मचारियों के काम करने के बावजूद 90 फीसदी कोरोना वायरस दावों का निपटान तीन कार्य दिवस में किया गया. ईपीएफओ ने उमंग ऐप के जरिए भविष्य निधि से पैसा निकालने और अन्य सेवाओं के लिये ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है.
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