पटना : राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्र-छात्राओं को वापस बुलाने के लिए दायर याचिका पर आज सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले को कल मंगलवार तक टाल दिया है. पटना हाईकोर्ट के जस्टिस न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए मंगलवार तक का समय दिया है.
मालूम हो कि अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर ने पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि सरकार द्वारा विदेशों से लोगों को लाया गया है. लेकिन, देश के अंदर फंसे विद्यार्थियों नहीं लाया जा रहा है. सूबे के मुजफ्फपुर, भोजपुर और नवादा के अधिकारियों द्वारा भी कोटा में कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों को वापस बिहार लाने की अनुमति दी गयी है. ऐसे में दूसरे राज्य में रह कर पढ़ रहे बिहार के बच्चों को भी सरकार अपने स्तर से ले आये, ताकि अपने परिवार के पास बच्चे सुरक्षित पहुंच सके.
जानकारी के मुताबिक, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्र-छात्राओं को वापस बुलाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए मंगलवार तक का समय दिया है. इससे पहले राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में कोटा में फंसे छात्रों को लॉकडाउन के कारण वापस बिहार लाने में असमर्थ हैं.
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब करते हुए यह स्पष्ट करने को कहा है कि बिहार के छात्रों को वापस लाने के लिए व्यवस्था कैसे होगी. केंद्र सरकार का जवाब मिलने के बाद 28 अप्रैल को मामले की सुनवाई की होगी. मालूम हो कि पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कोटा से छात्रों को लाने के मामले में जवाब तलब किया था.
वहीं, बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री चिंतित हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर देश में लगाये गये लॉकडाउन के मद्देनजर सरकार बच्चों को नहीं ला पा रही है. लॉकडाउन के गाइडलाइन में केंद्र सरकार बदलाव करे तो बच्चों को लाना संभव होगा.