देश के अग्रणी म्यूचुअल फंड हाउस फ्रैंकलिन टेंपलटन इंडिया द्वारा छह फंडों को बंद करने से उपजे संकट को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को बड़ा कदम उठाया. निवेशकों का भरोसा कायम रखने के लिए म्यूचुअल फंडों की खातिर 50,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी (SLF) की घोषणा की है. आरबीआई के इस फैसले का पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वागत किया है.
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इसके तहत बैंक 90 दिन का फंड भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो विंडो से ले सकते हैं और इसका इस्तेमाल सिर्फ म्यूचुअल फंड को कर्ज देने या उनके पास मौजूद कॉरपोरेट पेपर खरीदने में कर सकते हैं. बता दें कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बॉन्ड बाजार में लिक्विडिटी की कमी का हवाला देकर फ्रैंकलिन टेंपलटन ने स्कीमें बंद कर दीं. अपने इस फैसले के बारे में कंपनी का कहना है कि कोरोना संकट की वजह से लोगों ने तेजी से अपना पैसा निकाला है, जिससे कंपनी के पास कैश की कमी हुई है.
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रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि कुछ म्यूचुअल फंडों के बंद हो जाने की वजह से निवेशित रकम लौटाने का दबाव तथा अन्य संभावित बुरे प्रभावों के चलते तरलता संबंधी दिक्कतें बढ़ गई हैं. पिछले सप्ताह फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने घोषणा की थी कि वह 23 अप्रैल से भारत में छह यील्ड-ओरिएंटेड क्रेडिट फंडों को बंद कर देगी. आरबीआई ने कहा है कि फिलहाल यह संकट सिर्फ हाई-रिस्क डेट म्यूचुअल फंडों तक सीमित है, और मोटे तौर पर उद्योगों में तरलता बनी हुई है.बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर उसकी पूरी नजर है और वह कोरोना की वजह से अर्थव्यस्था पर पड़े असर को खत्म करते हुए स्थिरता लाने के लिए हर कदम उठाएगी. आरबीआई की तरफ से म्यूचुअल फंड को दी जाने वाली यह राहत आज यानी 27 अप्रैल से लेकर 11 मई 2020 तक प्रभावी रहेगी या अगर उससे पहले ही निर्धारित फंड खत्म हो जाता है तो पहले ही खत्म हो जाएगी.
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पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘म्यूचुअल फंडों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी सुविधा की रिजर्व बैंक की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं. मुझे खुशी है कि रिजर्व बैंंक ने दो दिन पहले जताई गई चिंता पर ध्यान दिया और त्वरित कार्रवाई की.’
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