रांची : करोना के असर का प्रभाव आने वाले दिनों में स्कूल से लेकर कॉलेज संचालन तक पर देखने को पड़ेगा. शिक्षण संस्थानों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. स्कूल संचालन के व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता होगी. डिजिटल लर्निंग, विद्यार्थियों को लर्निंग मेटेरियल भेजने को बढ़वा दिया जायेगा. मिलेगा. शिक्षाविदों का कहना है कि इस दौर में पढ़ाई का जो डिजिटल स्वरूप विकल्प बना है वहीं आने वाले दिनों में पढ़ाई का स्थायी रूप हो सकता है.
बच्चों को जारी रहेगा ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल भेजना रांची : लॉकडाउन में सरकारी स्कूलों के बच्चों के पठन-पाठन के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा लर्निंग मेटेरियल भेजा रहा है. राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से 12वीं तक के लगभग 42 लाख बच्चे नामांकित हैं. वर्तमान में दस लाख बच्चों तक लर्निंग मेटेरियल भेजा रहा है. शिक्षा विभाग इसकी तैयारी कर रहा है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद इसे जारी रखा जाये. आनेवाले दिनों में सरकारी स्कूलों के पठन-पाठन में इसे बढ़ावा दिया जायेगा.
मैट्रिक-इंटर की परीक्षार्थियों के लिए विशेष कक्षा रांची : राज्य में प्रति वर्ष मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी के लिए स्कूलों में विशेष कक्षा चलाया जाता है. इसके लिए विद्यार्थियों को विद्यालय आना होता है. शिक्षा विभाग अब इस पर विचार कर रहा है कि परीक्षार्थियों ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल व कक्षा के माध्यम से परीक्षा की तैयारी करायी जाये. इसे इस साल से प्रभावी किया जा सकता है.
इसे आगे और बढ़ावा देने की आवश्यकता रांची : लॉकडाउन में विवि के पठन-पाठन में डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा मिला है. रांची विवि ने इस दौरान कक्षा संचालन में रेडियो खांची की मदद से विद्यार्थियों तक शिक्षकों का लेक्चर पहुंचा रहा है. इसके अलावा यू ट्यूब पर पर लर्निंग मेटेरियल अपलोड कर दिया गया है. रांची विवि के कम्युनिटी रेडियो के निदेशक डॉ आनंद ठाकुर ने बताया कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी इसे जारी रखा जायेगा. कोविड 19 से बचाव में सोशल डिस्टेसिंग को सबसे महत्वपूर्ण हैं. स्कूल-कॉलेज में एक साथ हजारों विद्यार्थी जमा होते हैं.
लॉकडाउन अवधि में पठन-पाठने लेकर जो नयी शुरुआत हुई है इसे आगे जारी रखने के साथ और बढ़ावा देने की आवश्यकता है. क्या कहते रांची विवि के कुलपति स्थिति सामान्य होने के बाद अब सबकुछ एकदम पहले जैसा नहीं होगा. शिक्षण के क्षेत्र पर भी इसका व्यापक असर पड़ेगा. आज ऑनलाइन कक्षा संचालन एक विकल्प के रूप में हमारे सामने आया है. आज जब स्कूल-कॉलेज बंद हैं तो इस माध्यम से पढ़ाई हो रहा है.
आने वाले दिनों में पढ़ाई का यह विकल्प ही पठन-पाठन का स्थायी स्वरूप होगा. इसे और बढ़ावा दिया जायेगा. रांची विवि में आने वाले दिनों में इस व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जायेगा. डॉ रमेश कुमार पांडेय, कुलपति, रांची विवि