नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे के सिलसिले में गिरफ्तार कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की अंतरिम जमानत की याचिका खारिज कर दी. तिहाड़ जेल में बंद क्रिश्चियन मिशेल कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका के आधार पर अंतरिम जमानत चाहता था.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने आरोपी की याचिका खारिज करते हुये कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुरूप सरकार द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के पैमाने के आधार पर उसे जमानत नहीं दी जा सकती.
मिशेल के वकील अल्जो के जोसफ का कहना था कि आरोपी की उम्र और जेल में अधिक भीड़ होने की वजह से उसे कोविड-19 संक्रमण होने का अधिक खतरा है जो उसके सेहत के लिये हानिकारक हो सकता है. मिशेल ने उसकी अंतरिम जमानत की याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के सात अप्रैल के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी.
इस अपील पर कार्यवाही के बारे में संपर्क करने पर जोसफ ने बताया, ‘‘पीठ ने मुझसे कहा कि कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर कैदियों की रिहाई के लिये उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा निर्धारित पैमाने के तहत जेलों में बंद विदेशी कैदियों को रिहा नहीं किया जा सकता.
उच्च न्यायालय ने मिशेल के कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में आने की आशंका के बारे में कहा था कि आरोपी को जेल की एक अलग कोठरी में दो अन्य कैदियों के साथ रखा गया है, अत: यह बैरक नही है जिसमें कई कैदियों को रखा गया हो. उसके साथ रहने वाले दो कैदियों में से कोई कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त नहीं है.
क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित करके लाया गया था. प्रवर्तन निदेशालय ने उसे 22 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तार किया था. निदेशालय के मामले में अदालत ने पिछले साल पांच जनवरी को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इस हेलीकाप्टर सौदा घोटाले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में भी वह न्यायिक हिरासत में है