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6th JPSC Result 2020 : गृहस्थी संभालते हुए BDO की पत्नी ने हासिल किया 26वां रैंक, प्रेग्नेंसी में देने पहुंची थीं इंटरव्यू

बिहार में जमुई के सोनो प्रखंड विकास पदाधिकारी रविजी की पत्नी प्रियंका प्रियदर्शी ने झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए झारखंड प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुई.

जमुई : बिहार में जमुई के सोनो प्रखंड विकास पदाधिकारी रविजी की पत्नी प्रियंका प्रियदर्शी ने झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए झारखंड प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुई. उनकी इस सफलता पर न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके पति सोनो बीडीओ को भी चारों ओर से बधाई मिल रही है. अपने पहले ही प्रयास में झारखंड प्रशासनिक सेवा में चयनित प्रियंका अपनी सफलता का श्रेय अपने पति को देती है जिनसे उन्हें प्रेरणा मिली थी. जबकि, बीडीओ रविजी अपनी पत्नी की सफलता का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति को देते है.

कई रुकावटों के बाद अंततः संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2016 का साक्षात्कार बीते 24 फरवरी से शुरू हुआ था. प्रियंका का साक्षात्कार 25 फरवरी को हुआ. 20 मिनट तक हुए साक्षात्कार में प्रियंका से डिप्टी कलेक्टर की प्रशासन में भूमिका, महिला सशक्तिकरण से संबंधित योजना व विधि व्यवस्था में एसडीओ की भूमिका के अलावे प्रशासनिक परीक्षा में आने की प्रेरणा कहां से मिली जैसे प्रश्न पूछे गये थे.

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छठी राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में कुल 143 परीक्षार्थियों को सफलता मिली जिसमें अनारक्षित सफल परीक्षार्थियों की संख्या 86 है. तीन संतान की माता होकर और अपनी गृहस्थी संभालते हुए प्रियंका ने इस परीक्षा में 26वां स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दी कि परिस्थिति जितनी भी विषम हो परंतु जज्बा और दृढ़ इच्छाशक्ति सफलता के हर द्वार को खोल देता है.

प्रेग्नेंसी के लास्ट मंथ के दौरान इंटरव्यू के लिए हुई थीं उपस्थित

प्रियंका ने इस सफलता के लिए जिस जज्बा और जुनून को दिखाई वह एक मिसाल है. अपने नौ माह की गर्भावस्था के बावजूद वे बीते 25 फरवरी को काफी लंबी यात्रा कर पति के साथ रांची पहुंची और साक्षात्कार में उपस्थित हुई थी. साक्षात्कार के एक सप्ताह बाद ही 2 मार्च को उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई. प्रियंका ने जमुई के जिला पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार को भी पति को उस परिस्थिति में अवकाश प्रदान कर हौसला बढ़ाते हुए सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद दी.

बीडीओ रविजी बताते है कि जब साक्षात्कार के लिए सूचना मिली तब हमलोग इस बात को लेकर निराश थे कि इस परिस्थिति में प्रियंका इतनी दूर की यात्रा कैसे करेंगी, लेकिन उनकी पत्नी ने हार नहीं मानी और पीड़ा व अन्य तकलीफों के बावजूद साक्षात्कार के लिए पहुंची. इसी तरह जब संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता की परीक्षा देने गयी थी. तब इनकी बड़ी पुत्री महज एक वर्ष से भी कम उम्र की थी. घर गृहस्थी के साथ नन्ही बच्ची की देखभाल करते हुए इन्होंने प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी थी. उस वक्त भी जानने वालों ने इनके जज्बे को सलाम किया था. आज भी लोग इन्हें महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत मानते है.

शादी से पूर्व बनना चाहती थी डॉक्टर

प्रभात खबर के साथ बातचीत में झारखंड प्रशासनिक सेवा में चयनित प्रियंका प्रियदर्शी बताती है कि शादी से पूर्व वे डॉक्टर बनना चाहती थी. कॉलेज में उनका विषय भी जंतु विज्ञान था और हमेशा 75 प्रतिशत से ऊपर प्राप्तांक लाती रही थी, परंतु 2014 में शादी के बाद अपने पति के साथ रहते हुए पति की तरह ही उन्हें भी गरीब और बेबस लोगों की सेवा का तमन्ना होने लगी. उनके मन में भी प्रशासनिक सेवा में आकर आम लोगों की सेवा करने की प्रेरणा हुई.

जब उन्होंने अपनी इच्छा पति को बतायी तब पति रविजी ने न सिर्फ प्रोत्साहित किया बल्कि तैयारी में भरपूर सहयोग भी किया. हजारीबाग में बसी प्रियंका का ससुराल मूलतः गया जिला का वजीरगंज है. प्रतिभा की धनी प्रियंका स्कूली जीवन से ही काफी मेधावी थी. इससे पूर्व वो जंतु विज्ञान में स्नातकोत्तर तक कि शिक्षा प्राप्त की है. वर्तमान में उनकी इस सफलता पर सोनो क्षेत्र के लोग भी गौरवान्वित होते हुए उन्हें और उनके पति बीडीओ रविजी को बधाई दे रहे है.

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