पटना : प्रारंभिक विद्यालयों में जिला संवर्ग के सहायक शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवा पूरी होने पर मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान दिया जायेगा. हाईकोर्ट के आदेश के संदर्भ में इस तरह के दिशा-निर्देश प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने जारी किये हैं. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट किया है कि मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान की मूल कोटि पर 31 दिसंबर, 1995 तक नियुक्त वैसे शिक्षक, जिन्होंने अप्रशिक्षित रहने के बावजूद मैट्रिक से उच्च योग्यता रहने की वजह से मैट्रिक प्रशिक्षित का वेतनमान प्राप्त किया हो, को नियुक्ति की तिथि से 12 साल पूर्ण होने पर ही मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान देय होगा. साथ ही उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस कोटि के शिक्षकों को पूर्व में मैट्रिक प्रशिक्षित का वरीय वेतनमान स्वीकृत है और इस आदेश से मैट्रिक प्रशिक्षित का वरीय वेतनमान की तिथि में संशोधन अपेक्षित है.
मालूम हो कि पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि प्रशिक्षण खत्म होने की तारीख से शिक्षकों को प्रशिक्षित शिक्षक को वेतनमान का लाभ दे. न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा की एकलपीठ ने रंजीत कुमार व अन्य 23 की ओर से दायर रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह निर्देश दिया था. कोर्ट ने बिहार सरकार को कहा था कि वह इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दे कि वे इन याचिकाकर्ताओं को ट्रेंड पे- स्केल का लाभ ट्रेनिंग खत्म होने की तारीख से दे, ना कि उक्त ट्रेनिंग की परीक्षा का रिजल्ट निकलने की तिथि से.
याचिका में कहा गया था कि सभी याचिकाकर्ता अपने सेवाकाल के दो वर्षीय प्रशिक्षण को 2017 में पूरा कर लिया था, लेकिन इनके प्रशिक्षण की परीक्षा 2018 में हुई थी और रिजल्ट 2019 में निकला. कोर्ट से कहा गया था कि सरकार की गलती के कारण परीक्षा और रिजल्ट में हुई देरी का खामियाजा शिक्षक न भुगतें और उन्हें ट्रेंड पे स्केल का लाभ प्रशिक्षण खत्म होने की तारीख से देने का निर्देश सरकार को दिया जाये, जिसे कोर्ट ने मान लिया था.