नयी दिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक ने डॉ आर. गंगाखेड़कर ने कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए कहा, ये एक नयी बीमारी है, पिछले साढ़े तीन महीने में विज्ञान आगे बढ़ा है और पीसीआर टेस्ट को ईजाद किया. अभी तक इंसानों पर पांच वैक्सीन का ट्रायल किया गया है. इससे पहले इस तरह की बीमारी का कोई मामला नहीं दिखा था. अन्य किसी भी तरह की बीमारी में ऐसा नहीं हुआ है.
हमें जो कर रहे हैं उसमें हम जितनी ताकत है पूरी लगा रहे हैं. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग कभी हेल्थ से जुड़ा मामला नहीं है. साढ़े तीन महीने के बाद पीसीआर टेस्ट हो पा रहा है. इस बीमारी को लेकर काम हो रहा है. लोग डर जाएं ऐसी जानकारी साझा करना मुझे ठीक नहीं लगता. आज लॉकडाउन का दोहरा फायदा होगा. हम लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग को जितना दूर धकलेंगे उतना फायदा होगा बाकि लोगों को पता नहीं. हम अपने देश के लिए जो कर सकते हैं वह करेंगे.
उन्होंने अबतक हुए टेस्ट की जानकारी देते हुए कहा, कोरोना वायरस के अबतक 4 लाख 49 हजार 810 टेस्ट हुए हैं. कल (सोमवार) 35 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए थे. उन्होंने टेस्ट के बाद राज्यों की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा, सभी राज्यों में रैपिड टेस्ट किट बांटी गई हैं, लेकिन एक राज्य ने कहा कि वहां कुछ समस्या आई है. रैपिड और आरटी-पीसीआर टेस्ट में फर्क मिला है.यह फर्क ज्यादा दिखता है तो हमें इसकी जांच करनी होगी. सिर्फ साढ़े तीन महीने हुए हैं आगे इसे और बेहतर करना होगा.
हमने कहा है कि राज्य अगले दो दिन तक इस टेस्ट किट इस्तेमाल न करें, हम इसकी खामी दूर करेंगे. उन्होंने कहा, जांच के बाद हम रिप्लेसमेंट के लिए कंपनी को कह सकते हैं. इसका वेलिडेशन फिल्ड में होगा लैब में नहीं होगा हमारी टीम इस पर काम करेगी.
उन्होंने कहा, यह एक नयी बीमारी है, पिछले साढ़े तीन महीने में विज्ञान आगे बढ़ा है और पीसीआर टेस्ट को ईजाद किया. अभीतक इंसानों पर पांच वैक्सीन का ट्रायल किया गया है. इससे पहले इस तरह की बीमारी का कोई मामला नहीं दिखा है.