बोकारो : सीआइएसएफ केयर्स फॉर कोरोना वरियर्स के बैनर तले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की बोकारो यूनिट भी कोरोना के खिलाफ जंग में कूद पड़ी है. बल के जवान ड्यूटी करने के साथ-साथ कोरोना मरीज व उनके इलाज में जुटे डॉक्टरों की टीम के लिए नियमित रूप से भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि सीआइएसएफ बोकारो यूनिट के लगभग तीन दर्जन ऑफिसर व इंस्पेक्टर आपस में चंदा कर कोरोना मरीज व उनके इलाज में डॉक्टरों की टीम को 05 अप्रैल से नियमित रूप से सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना उपलब्ध करा रहे हैं.
सीआइएसएफ बोकारो की ओर से कोविड-19 अस्पताल बोकारो जेनरल हॉस्पिटल (बीजीएच) में कोरोना के 10 पॉजिटिव मरीज सहित इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल, एंबुलेंस ड्राईवर, सेनिटाइज वर्कर्स को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रतिदिन 40-50 पैकेट खाना बल के जवान बीजीएच पहुंचा रहे हैं, वह भी डिमांड के अनुसार. जैसे, अगर किसी डॉक्टर का पेट खराब हो गया तो उनके लिये खास तौर पर खिचड़ी उपलब्ध करायी जाती है. इसमें खाना बनाने से लेकर उसकी पैकिंग व डिलिवरी तक में काफी सतर्कता बरती जा रही है.
कोरोना मरीजों व डॉक्टरों को पौष्टिक आहार
बीजीएच में कोरोना मरीजों व उनके इलाज में लगे डॉक्टरों की टीम को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है. इनमें सुबह के नाश्ते में फल, अंडा, पुड़ी, इडली-चटनी, कचौड़ी-सब्जी व पराठा, दोपहर के खाने में रोटी, चावल, भुजिया, मिक्स सब्जी, मटर-पनीर, दाल, दही, सलाद, हर व्यक्ति को चार बोतल मिनरल वॉटर, शाम में डॉक्टरों के लिए चाय, स्नैक्स, बिस्कीट, समोसा, कचौड़ी, रात के खाने में रोटी, चावल, हरी सब्जी, दाल व एक मिठाई शामिल है.
आधा दर्जन से अधिक बच्चों को भी मिल रहा खाना
बीजीएच में कोरोना के मरीज का इलाज के लिए डॉक्टरों की आधा दर्जन से अधिक टीम बनायी गयी है. एक सप्ताह (07 दिन) एक टीम काम करती है. उसके बाद 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में चली जाती है. इस तरह 21 दिन के लिए डॉक्टर-नर्स की टीम घर-परिवार से दूर रहती है. इनमें कई ऐसी नर्स हैं, जो अकेले रहती हैं. ऐसे में उनके बच्चों के लिए भी नियमित रूप से खाना सीआइएसएफ बोकारो यूनिट उपलब्ध करा रहा है. इस समय ऐसे बच्चों की संख्या आधा दर्जन से अधिक है. सीआइएसएफ की इस पहल से नर्स बच्चों के खाना-पीना को लेकर तनावमुक्त हैं.
‘संरक्षिका’ भी मास्क बनाकर कर रही है हेल्प
सीआइएसएफ बोकारो की महिला समिति ‘संरक्षिका’ भी मास्क बना कर कोरोना की जंग में साथ दे रही है. इसमें बल के अधिकारी व कर्मी की पत्नी शामिल हैं. समिति से जुड़ी महिलाएं नियमित रूप से मास्क बना रही हैं. अब तक इन महिलाओं ने 5000 मास्क तैयार कर लिया है . इनको बल के परिवार के बीच बांटा गया है. अब जो मास्क का निर्माण किया जा रहा है, उसको जरूरतमंदों के बीच बांटा जायेगा. कोरोना की जंग में सीआइएसएफ बोकारो परिवार कूद पड़ा है. ड्यूटी करने के साथ-साथ कोरोना मरीजों व डॉक्टर्स को खाना देने में तीन दर्जन बल के जवान जुटे हैं.
अस्पताल के प्रभारी निदेशक एके सिंह ने कहा कि सीआइएसएफ बोकारो की ओर से पौष्टिक आहार बीजीएच में उपलब्ध कराया जा रहा है. सीआइएसएफ डीआइजी की यह पहल सराहनीय है. इसकी जितनी प्रशंसा की जाय, कम है. कोरोना मरीजों व उनके इलाज में जुटे डॉक्टरों को नियमित खाना पहुंचाना एक चुनौती थी, जिसे सीआइएसएफ बोकारो ने स्वीकार किया है.
सीआइएसएफ बोकारो डीआइजी सर्वश्रेष्ठ अंबष्ट ने कहा कि कोरोना से आज पूरा विश्व जूझ रहा है. यह आपदा की घड़ी है. इसमें सभी को आगे आकर सहयोग करना चाहिए. खासकर, वैसे लोगों का, जो कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे हैं. उनका सम्मान करना चाहिए. इसी क्रम में बीजीएच में कोरोना मरीजों के इलाज के जुटे डॉक्टरों की टीम को नियमित खाना पहुंचाने के रूप में हम भी छोटा-सा सहयोग कर रहे हैं.