Vaishakh Amawasya 2020: वैशाख माह की अमावस्या कल 22 अप्रैल यानी बुधवार के दिन है.हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में अमावस्या और पूर्णिमा आती है.शुक्ल पक्ष के समय चंद्रमा का आकार बढ़ता है जबकि कृष्ण पक्ष में चंद्रमा का आकार छोटा होता जाता है.पूर्णिमा के दिन चांद बड़े आकार में चमकता हुआ दिखता है जबकि अमावस्या पर यह पूरी तरह गायब रहता है.इस दिन आकाश में चांद कहीं नहीं दिखता.इस दिन को हिन्दू धर्म में नए चांद का दिन कहते हैं.आइये जानते हैं कल के अमावस्या का महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में…
अमावस्या का महत्व-
अमावस्या के दिन धार्मिक कार्यों को किया जाता है.यह दिन पितरों के तर्पण व श्राद्ध कर्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.इस दिन नदियों में स्नान कर दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं.हालांकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है और लोग घरों में रहकर ही पूजा पाठ करेंगे.
ज्योतिषशास्त्र में अमावस्या-
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार , सूर्य इस समय मेष राशि मे है.और चंद्रमा कल 22 अप्रैल को मीन राशि से गोचर करते हुए मेष राशि मे जाएंगे.इस तरह कल सूर्य व चंद्रमा दोनों एक ही राशि यानी मेष राशि मे एक साथ रहेंगे.और दोनों जब एक राशि मे आकर रहें तो वही अमावस्या की तिथि होती है.
वैशाख अमावस्या मुहूर्त-
अमावस्या तिथि आरंभ – 5 बजकर 39 मिनट
अमावस्या तिथि समाप्त – 7 बजकर 57 मिनट