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किसानों के जख्मों पर गन्ना उद्योग विभाग की चुप्पी, चीनी मिल से नहीं मिल रहा कोई जवाब

गोपालगंज : लॉकडाउन में अपने घरों में पाबंद किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. गन्ना किसानों की संकट गंभीर होता जा रहा. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल बर्बाद होने के कारण किसानों की कमर टूट गयी है. मौसम अभी दगाबाज बना हुआ है. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के सामने ऐसी […]

गोपालगंज : लॉकडाउन में अपने घरों में पाबंद किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. गन्ना किसानों की संकट गंभीर होता जा रहा. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल बर्बाद होने के कारण किसानों की कमर टूट गयी है. मौसम अभी दगाबाज बना हुआ है. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के सामने ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी. आर्थिक संकट से जूझ रहे सासामुसा चीनी मिल क्षेत्र के किसानों के सामने रोटी की संकट होने लगी है. हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद उनकी कमाई चीनी मिल के तिजोरी में बंद है. किसानों को उनके बकाये पर्चियों का भुगतान नहीं दिया जा रहा.

लॉकडाउन होने के बाद घर में सालभर के लिए स्टॉक कर रखे गये अनाज को बेचकर रोजमर्रा की समान खरीद लिए. उम्मीद था कि गेहूं से इसकी भरपाई हो जायेगी. अब यह उम्मीद भी टूट चुका है. अब किसानों को भी बाजार पर ही निर्भर होना होगा. गन्ना किसानों के इस दर्द पर विभाग व प्रशासन के साथ-साथ विधायक, पार्षद, मंत्री, सांसद तक के तरफ से भी कोई पहल नहीं किया जा रहा. अपना दर्द सुनाकर रो पउ़े किसानशामपुर के किसान सुदर्शन चौबे ने बताया कि सासामुसा चीनी मिल में वर्ष 2017 में गन्ना का बकाया था.

चीनी मिल हादसे के बाद बंद हो गया. फैक्ट्री के मालिक महमूद अली के विश्वास पर जब चीनी मिल 2019 में चालू हुआ तो गन्ना फिर गिराये. उनके द्वारा 22 जनवरी को बंद कर दिया गया. 15 दिनों के मशक्कत के बाद फैक्ट्री को नये डायरेक्टर साजीद अली ने शुरू कराया. 10 दिनों के भीतर फैक्ट्री को बंद करना पड़ा. रामपुर दाउद के गन्ना किसान रामेश्वर मिश्र, श्यामपुर गांव के सुदर्शन चौबे, काला मटिहनिया के देवेन्द्र भगत, राजकिशोर यादव अपनी दर्द बताकर रो पड़े.विभाग ने दिया 15 करोड़ को मैनेज करने का आदेशफैक्टरी चलाने में किसानों की ओर से सहयोग काफी मिला.

हादसा के बाद से ही गन्ना विकास विभाग ने आदेश दिया कि चीनी बेचने के बाद उससे आनेवाली आय से 60 प्रतिशत राशि किसानों की बकाया पर्चियों का भुगतान की जाये. अब स्थिति यह है कि किसानों का जितना राशि चीनी मिल पर बकाया है उससे लगभग 15 करोड़ की राशि कम का चीनी स्टॉक में है. विभाग को जब इसकी जानकारी हुई तो जिला ईख पदाधिकारी जयप्रकाश नारायण सिंह ने फैक्ट्री के नये मालिक साजीद अली को राशि का इंतजाम करने का आदेश दिया, लेकिन भुगतान तो लॉकडाउन के कारण एक रुपये का नहीं हुआ.

एक नजर सासामुसा चीनी मिल के बकाये पर2014-15 का 33.34 लाख2015-16 का 85.26 लाख 2016-17 का 6.20 लाख2017-18 का 14.21 लाख 2018-19 का 30.96 करोड़नये सत्र की पेराई में बकाया 15 जनवरी तकगन्ना खरीद- 3.92 लाख क्विंटलकीमत- 1133.48 लाखभुगतान- 90.11 लाख बकाया- 10.43 करोड़ चीनी मिल पर होगी कार्रवाई: विभागलॉकडाउन में सासामुसा चीनी मिल के तरफ से किसानों को भुगतान नहीं दिये जाने को विभाग ने गंभीरता से लिया है. जिला ईख पदाधिकारी जयप्रकाश नारायण सिंह ने बताया कि किसानों का बकाया का भुगतान तो उनको करना ही होगा. कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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