जमुई : कोरोना वायरस के संक्रमण से संबंधित अफवाह फैलाने अथवा गलत न्यूज़ प्रसारित करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किया जायेगा. जानकारी देते हुए जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि विगत दिनों ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जिसमें सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों का दुरुपयोग कर ऐसी अफवाह एवं भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही है. जिससे समाज में वैमनस्य बढ़ने अथवा भ्रामक जानकारी प्रसारित होने का खतरा है. उन्होंने कहा कि लोगों से अपील है कि ऐसी सूचनाओं एवं अफवाह के प्रचार-प्रसार का माध्यम न बनें. ऐसा कोई भी पोस्ट न करें, जिससे किसी वर्ग विशेष की भावनाएं आहत हो. फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, यूट्यूब एवं अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे अफवाह को शेयर, रिट्वीट अथवा पोस्ट न करें.
किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलाएं और किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचना आने पर उस सूचना को सत्यापित करते हुए सही वस्तुस्थिति से पुलिस अथवा प्रशासनिक पदाधिकारियों को अवगत कराएं. अपने घर तथा आसपास के क्षेत्र में भाईचारा और सौहार्दपूर्ण माहौल रखें. जिलाधिकारी श्री कुमार ने बताया कि उक्त संबंध में अपने क्षेत्र के साइबर सेनानी ग्रुप को भी अवगत करा सकते हैं. राष्ट्रीय एकता, अखंडता एवं आपसी सौहार्द्र को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाले संदेश सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यम से फैलाना और प्रसारित करना गंभीर अपराध है. इसमें तत्काल गिरफ्तारी का भी प्रावधान है. विभिन्न, धर्म, जाति अथवा समुदाय के बीच घृणा अथवा वैमनस्यता का संदेश सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यम से प्रचारित करना अथवा फैलाना दंडनीय अपराध है. किसी के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान एवं धार्मिक भावनाओं को आहत करना भी दंडनीय अपराध है. उक्त अपराध के लिए 3 वर्ष की सजा और 5 लाख तक के जुर्माना का प्रावधान है. दोबारा ऐसी गलती करने पर 5 वर्ष की सजा और 10 लाख का जुर्माना भी हो सकता है. कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु दिए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन न करने, अफवाह फैलाने, भ्रामक संदेश फैलाने अथवा भ्रामक वीडियो प्रचारित करने पर भारतीय दंड विधान, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई किया जा सकता है.