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पीएम ने सुनी सीएम की बात, ठोस आश्वासन नहीं मिला

रांची : कोटा में फंसे झारखंड के छात्रों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के बच्चों को लेकर काफी चिंतित है. बच्चों और उनके अभिभावकों के लगातार फोन आ रहे हैं. इन बच्चों की […]

रांची : कोटा में फंसे झारखंड के छात्रों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के बच्चों को लेकर काफी चिंतित है. बच्चों और उनके अभिभावकों के लगातार फोन आ रहे हैं. इन बच्चों की समस्या पर पीएम से उनकी बात हुई है. पीएम ने उनकी बात सुनी, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है. श्री सोरेन ने बताया : शुरुआती बातचीत में प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन-2 में दी गयी ढील की स्थिति पर चर्चा की. मैंने उन्हें बताया कि एक-दो दिन बाद स्थिति का पता चलेगा. इसके बाद मैंने पीएम से कहा कि हमारे कुछ सहयोगी मित्र ही हमारी चिंता बढ़ा रहे हैं.

जैसे यूपी के मुख्यमंत्री ने कोटा से बच्चों को वापस बुला लिया. ऐसे में अब हमारे राज्य के बच्चे भी काफी हताश हैं. कंट्रोल रूम में लगातार उनके फोन आ रहे हैं. उनके परिजन भी हमसे अपील कर रहे हैं. मैं काफी मर्माहत हूं. मुझे काफी तकलीफ भी है. ऐसे हालात में इनको कैसे रेस्क्यू करें. सीएम ने पीएम से इस विषय पर हस्तक्षेप की मांग की. कहा कि मौजूदा वक्त में केंद्र राज्य को सहयोग करे और राज्य केंद्र को, तभी संक्रमण से निबटा जा सकता है.

यह राजनीति का समय नहीं है – सीएम : यहां ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे राज्य सरकार ही बच्चों को नहीं लाना चाहती है. राज्य सरकार बच्चों को बुला सकती है. लेकिन, राजस्थान यहां से दूर है. बच्चों को कई राज्यों से होकर आना पड़ेगा. पता नहीं बच्चे कहां संक्रमित हो जायें. पता चला है कि यूपी में कोटा से लायी गयी एक बच्ची संक्रमित मिली है. आप अंदाजा लगायें कि स्थिति कितनी भयावह है. यह राजनीति का समय नहीं है. राजनीति करने का समय आयेगा तो जरूर करें. सीएम ने छात्रों से अपील की है कि आप जहां हैं और अगर सुरक्षित हैं, तो वहीं रहें. अगर किसी तरह की परेशानी आ रही है, तो उसकी जानकारी सरकार को दें. आपकी सहायता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.दूसरी बीमारियों के इलाज में कोताही नहीं बरतें निजी अस्पतालमुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों से कहा है कि वे अन्य बीमारियों के मरीजों के इलाज में कोतानी नहीं बरतें. अगर किसी मरीज के इलाज में किसी तरह की लापरवाही की बात सामने आयेगी, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निजी अस्पतालों की निगरानी के निर्देश दिये हैं.

जाति, धर्म या मजहब को देखकर नहीं होता संक्रमण – सीएम : लॉक डाउन के दौरान सोमवार से प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालय में कामकाज शुरू हो गया. पहले दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी यहां पहुंचे. यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार ही कई कामों में छूट दी गयी है. इसी के तहत सरकारी कार्यालय भी खुले हैं. यह जरूरी भी था. अब जरूरत के हिसाब से ही लोग कार्यालय आयेंगे और काम करेंगे. तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के कोरोना पाॅजिटिव होने के मुद्दे पर सीएम ने कहा : यह महज संयोग है कि कुछ जमाती कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. संक्रमण किसी जाति, धर्म या मजहब को देखकर नहीं होता. कुछ लोग जमाती के नाम पर प्रोपगेंडा फैला रहे हैं. अगर कोरोना संक्रमित 98 प्रतिशत बहुसंख्यक हिंदू ही होते, तो क्या कहा जाता? सीएम ने कहा कि अभी मूल विषय यह है कि इस संक्रमण से कैसे निबटा जाये. सबको मिलकर यह सोचना चाहिए.

शासन सच को स्वीकारने से चलता है : समीर उरांवभाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कोरोना संक्रमित 98 प्रतिशत बहुसंख्यक हिंदू होते तो क्या कहा जाता?श्री उरांव ने कहा : हेमंत जी! शासन-प्रशासन अगर-मगर से नहीं, बल्कि सच्चाई को स्वीकारते हुए उसके समाधान की सार्थक पहल से चलता है़ आज कोरोना संकट को बयानों में उलझाने की जरूरत नहीं है.

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