रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि लॉकडाउन में बेहत सख्त शर्तों के साथ कुछ जरूरी सेवाओं में छूट दी जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी गाइलाइन के तहत ही झारखंड में भी रियायतें दी जा रही हैं, लेकिन इस राज्य की भी अपनी कुछ समस्याएं और जरूरतें हैं. इसकी समीक्षा कर राज्य सरकार उचित कदम उठायेगी. मुख्यमंत्री सोमवार को कोरोना महामारी की रोकथाम, बचाव-इलाज और लॉकडाउन को लेकर खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लॉकडाउन के तहत कुछ सेवाओं में दी गयी छूट में नियमों की अनदेखी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता है तो तुरंत रियायतों को वापस ले लिया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ रहे संक्रमण के खतरे को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है और इसे रोकने के लिए सभी एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं.छूट का असर एक-दिन बाद दिखेगा मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के तहत कुछ सेवाओं में सशर्त छूट दी जा रही है. इसका उल्लंघन नहीं हो, इसकी निगरानी करने का निर्देश अधिकारियों को दिया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लॉकडाउन में दी जाने वाली रियायतों का असर एक-दो दिनों के अंदर देखने को मिलने लगेगा. इसके बाद सरकार इसकी समीक्षा कर निर्णय लेगी. कोटा में फंसे बच्चों के लिए सरकार चिंतितमुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा में फंसे राज्य के बच्चों को लेकर सरकारी चिंतित है. बच्चों और उनके अभिभावकों के लगातार फोन आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को लेकर उनकी प्रधानमंत्री से बात हुई है. अभी मैं बच्चों को यही संदेश देना चाहता हूं कि आप जहां सुरक्षित समझें, वहीं रहें. अगर किसी तरह की परेशानी आ रही है तो उससे सरकार को अवगत करायें, आपकी सहायता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.