दुर्जय पासवान
गुमला : लॉकडाउन (Lockdown) के कारण गुमला (Gumla) जिले में 500 करोड़ रुपये से अधिक का सड़क, पुल, भवन, सिंचाई योजना, नहर व चेकडैम का काम बंद है. लॉकडाउन में लोगों को घर से नहीं निकलना है. भीड़ भी नहीं लगानी है. इसलिए जिले में विकास के काम ठप है. साथ ही कई ऐसी बड़ी योजनाएं हैं जो मार्च व अप्रैल माह में पूरी हो जाती, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी योजनाएं ठप पड़ गयी है. विकास के काम ठप होने से ठेकेदार परेशान हैं. ठेकेदारों ने सड़क, पुल व अन्य योजनाओं के निर्माण के लिए मशीन व गाड़ी उधार में लेकर योजना स्थल पर लगा रखा है. लेकिन, काम बंद होने से ठेकेदारों को परेशानी हो रही है. बिना काम के मशीन व गाड़ी का भाड़ा देना पड़ रहा है. सरकार ने 20 अप्रैल से विकास के कई कामों को शुरू करने का निर्देश जारी किया है. बंद पड़े विकास कार्यों में अब तेजी दिखना जरूरी है.
लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित गुमला जिले के मजदूर हैं. विकास के काम होने से ये मजदूर हर रोज मजदूरी कर जीविका चलाते थे, लेकिन काम बंद होने से यहां के मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है. इससे मजदूरों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं, एक माह बाद बारिश शुरू हो जायेगी. ऐसी स्थिति में अगर विकास का काम शुरू होगा, तो बारिश के कारण काम प्रभावित होगा. ठेकेदारों के अनुसार, अगर अभी काम शुरू करते हैं तो जितना होगा पुल, सड़क, चेकडैम का काम कुछ बहुत हो जायेगा. लेकिन, बरसात शुरू होते ही फिर काम बंद करना होगा. ऐसे में जो योजना अब तक पूर्ण जो जाती, उसे अब इस साल के अंत तक ही पूरा कर पायेंगे.
Also Read: गुमला में लॉक डाउन के बीच तीन हादसे, चार लोगों की मौत
चैनपुर प्रखंड में शहीद नायमन कुजूर पथ जो 43 करोड़ से बन रही है. अबतक 80 प्रतिशत काम हो चुका है. चैनपुर से घाघरा तक 42 किमी सड़क 54 करोड़ से बन रही है. 75 प्रतिशत काम हुआ है. घाघरा से अरंगी व सिसई तक 28 किमी सड़क 46 करोड़ से बन रही है. 53 प्रतिशत काम हुआ है. भरनो से परवल तक 12 किमी सड़क 19 करोड़ रुपये से बन रही है. 95 प्रतिशत काम हुआ है. कामडारा में जीतूटोली से रामपुर तक 24 किमी सड़क 62 करोड़ रुपये से बन रही है. 60 प्रतिशत काम हुआ है. कामडारा में नरसिंहपुर पुल सात करोड़ से बन रही है. चार पीलर ढालने के बाद काम अधूरा रह गया. चैनपुर से नवगई तक 28 किमी सड़क 28 करोड़ से बन रही है. 65 प्रतिशत काम हुआ है. भिखमपुर जारी से मेराल तक 20 किमी सड़क 19 करोड़ में बन रही है. 62 प्रतिशत काम हुआ है.
Also Read: पेट की खातिर : लॉकडाउन में बदल दिया व्यवसाय, कोई दूध बेच रहा तो कोई सब्जी
भवन प्रमंडल विभाग, गुमला से चार बड़ी भवनों का निर्माण किया जा रहा है. सभी काम 80 से 90 प्रतिशत हो गया है. लेकिन, लॉकडाउन में सभी सरकारी भवनों का निर्माण कार्य रूक गया है. विभाग के अनुसार, चार भवनों का निर्माण 62 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से हो रही है. वहीं, लघु सिंचाई विभाग से करोड़ों रुपये के चेकडैम का निर्माण कार्य बंद हो गया है. अगर अभी काम शुरू नहीं हुआ तो बरसात में चेकडैम बनाना मुश्किल होगा. बरसात के बाद ही चेकडैम का काम होगा. इसके अलावा आरईओ विभाग गुमला, विशेष प्रमंडल गुमला, जिला परिषद गुमला, जल संसाधन विभाग गुमला से भी करोड़ों रुपये की लागत से पुल, सड़क, सिंचाई योजना व अन्य कई विकास के काम हो रहे हैं. ये सभी काम बंद हो गये हैं.
भवन प्रमंडल विभाग, गुमला के कार्यपालक अभियंता बिहारी लाल मुंडा ने कहा कि अगर कोरोना वायरस का संकट नहीं होता और लॉकडाउन नहीं लगता, तो कई भवन के काम अब तक पूर्ण हो जाते. अब जब भवन का काम शुरू होगा, तो काम पूरा होने में समय लगेगा. पीडब्ल्यूडी विभाग के ईई विनोद कच्छप ने कहा कि पुल व सड़क का काम अभी बंद है. चूंकि काम होने से मजदूरों की भीड़ लगती. इससे कोरोना संकट का डर है. करीब 200 करोड़ रुपये के काम ठप है. अगर काम चलता रहता तो कई योजनाएं अब तक पूर्ण हो जाती. अब जब सरकार के निर्देश पर विकास का काम शुरू होगा, तो सामाजिक दूरी का पालन किया जायेगा.
Also Read: पांच दोस्तों ने मिलकर बनाया ऑटोमेटिक सैनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन, प्रशासन को सौंपा
लघु सिंचाई विभाग के ईई प्रदीप कुमार भगत ने कहा कि हमारे विभाग से करोड़ों रुपये के काम बंद पड़े हुए हैं. अगर काम चालू स्थिति में रहता, तो अभी तक सभी योजनाएं पूरी हो जाती. लेकिन, अब बरसात से पहले योजनाओं को पूरा करना मुश्किल है. ऐसे सरकार के निर्देश पर सभी अधूरे कामों को जल्द पूरा कराने का प्रयास किया जायेगा.
गुमला डीसी शशि रंजन ने कहा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ठीक रखने के लिए 20 अप्रैल से विकास के कई कामों को शुरू करने का निर्देश जारी कर दिया गया है. ईंट भट्टा भी चालू होगा. इसमें करीब 1300 मजदूर काम करते थे, जिन्हें रोजगार मिलेगा. वहीं मनरेगा के काम भी शुरू कर दिया गया है. 10 हजार मजदूरों को मनरेगा में काम दिया गया है. मनरेगा में सिंचाई की योजना को प्राथमिकता दिया गया है. शहर से बाहर जितने भी विकास के काम बंद थे. उन्हें सुचारू ढंग से शुरू करना है. इसमें निर्माण सामग्री ईंट, बालू, चिप्स, सीमेंट के लिए वाहन चलेंगे. लेकिन, शहर से बाहर ही वाहनों का आवागमन होगा. जितने भी विकास के काम होंगे. उसमें संबंधित विभाग व संवेदक को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करना है.