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शहीद की शहादत पर गम में डूबे ग्रामीण, नहीं जले चूल्हे

जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल राजीव शर्मा की शहादत की खबर उनके गांव पटेढ़ी बेलसर प्रखंड की साइन पंचायत के रसूलपुर गांव पहुंचते ही ग्रामीण में शोक डूब गये.

पटेढ़ी बेलसर : जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल राजीव शर्मा की शहादत की खबर उनके गांव पटेढ़ी बेलसर प्रखंड की साइन पंचायत के रसूलपुर गांव पहुंचते ही ग्रामीण में शोक डूब गये. शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्रामीणों का हुजूम उनके घर पर जमा हो गया. सभी परिजनों को ढांढस बंधाने में लगे हैं. हर किसी की आंखे नम थी. अपने लाल की वीरता व शहादत पर लोगों में गर्व के साथ-साथ आतंकियों की कायराना हरकत के प्रति जबर्दस्त आक्रोश भी था. अपने लाल की शहादत में डूबे गांव के किसी भी घर में चूल्हे तक नहीं जले. पुलिस पदाधिकारी भी शहीद के घर पर डटे हुए थे.

सबसे पहले छोटे भाई को मिली थी शहादत की खबर : राजीव शर्मा की शहादत की सूचना सबसे पहले जम्मू में ही सीआरपीएफ में तैनात उनके छोटे भाई संजीव शर्मा को मिली. जैसे ही यह खबर परिजनों व गांव वालों को मिली. पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गयी. ग्रामीणों को अपने लाल की शहादत पर गर्व के साथ आतंकियों की नापाक करतूत पर काफी गुस्सा भी है. 2001 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे राजीवशहीद जवान राजीव कुमार शर्मा के चाचा ने हेमचंद शर्मा ने बताया कि परिवार की जिम्मेवारियों तथा देश सेवा की प्रेरणा के साथ वर्ष 2001 में राजीव सीआपीएफ में भरती हुए थे. बाद में उनके छोटे भाई संजीव भी देश सेवा के लिए सीआरपीएफ में भरती हुए. संजीव अभी जम्मू में ही पोस्टेड हैं.

जनवरी में छुट्टी पर घर आये थे राजीवबीते जनवरी महीने में छुट्टी के दौरान राजीव घर आये थे. वे काफी मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे. उनकी की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय में हुई थी. सेना में जाने के बाद वर्ष 2004 में उनकी शादी लालगंज के सरररिया की अंजू शर्मा के साथ हुई थी. उनकी दो संतानें हैं. पुत्री शिवांगी कक्षा छह में तथा पुत्र शौर्य कक्षा तीन का छात्र है. शहीद के परिजनों को अपने लाल की शहादत पर गम के साथ गर्व भी है.चंद घंटे पहले बिटिया से किया था छुट्टी में घर आने का वादा अपनी शहादत से चंद घंटे पहले सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल राजीव शर्मा ने अपनी पत्नी व बच्चों से मोबाइल से बात की थी. पत्नी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के बाद किसी अच्छे डॉक्टर से दिखाने को कहा था.

बेटी से पढ़ाई के बारे में जानकारी ली तथा छुट्टी में घर आने का वादा किया था. पत्नी और पुत्री के साथ शनिवार की दोपहर लगभग डेढ़ बजे फोन पर हुई बातचीत शहीद जवान के आखिरी शब्द साबित हुए. उन्होंने पत्नी से ड्यूटी से फ्री होने पर दुबारा बात करने की बात कहकर फोन काट दी थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. चंद घंटे बाद ही उनकी शहादत की खबर परिजनों को मिली. बेटी से छुट्टी में घर आने का किया वादा तो वे नहीं निभा पाए पर देश की रक्षा के ली गयी कसम को निभाते-निभाते वे वीरगति को प्राप्त हो गए.आज आयेगा शहीद का पार्थिव शरीरआतंकी हमले में शहीद जवान का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव रसूलपुर नही पहुंच सका.

जम्मू कश्मीर में मौसम खराब रहने की वजह से सेना का विशेष विमान उड़ान नहीं भर सका. शहीद के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक उनके पैतृक निवास स्थान पर लाने के लिए वैशाली जिला प्रशासन रविवार को पटना एयरपोर्ट पहुंचा था, लेकिन हायर अथॉरिटी द्वारा शहीद का पार्थिव शरीर रविवार को नहीं आने की सूचना दी गयी. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी सहित पुलिस बैंड वापस लौट गयी. संभावना जतायी जा रही है कि सोमवार को शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचेगा.

सीओ संदीप कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर में मौसम खराब होने के कारण सेना का विमान उड़ान नहीं भर सका, इस कारण पार्थिव शरीर नहीं आ पाया.शहीद के सम्मान में बनाये तोरणद्वाररसूलपुर के ग्रामीणों ने शहीद के सम्मान में सड़कों की सफाई कर तोरणद्वार बनाकर फूलों से सजाया हुआ है. ग्रामीण कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी भर्त्सना करते सरकार से कड़ा एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं. शनिवार की देर शाम से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण शहीद के घर पर जुटे हुए हैं.

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