लखनऊ : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में पहुंचे प्रवासी श्रमिकों की चिंता उत्तर प्रदेश सरकार ने कर ली है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपनी कोर टीम के साथ बैठक में करीब पांच लाख प्रवासी श्रमिकों को रोजगार कराने की तैयारी कर ली है.सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण करीब डेढ़ महीने के लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से प्रदेश लौटे पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को नौकरी और रोजगार मुहैया कराने की योजना पर मुहर लगी दी है.
इसके लिए सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है. यह समिति इन श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस समिति में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, प्रमुख सचिव पंचायती राज, प्रमुख सचिव एमएसएमइ तथा प्रमुख सचिव कौशल विकास शामिल हैं.यह समिति ओडीओपी के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ बैंक के माध्यम से लोन मेले आयोजित करना सुनिश्चित करेगी. इसके अलावा रोजगार मेला का भी आयोजन किया जाएगा जिससे लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकें.
यह समिति रोजगार के ज्यादा अवसर कैसे सृजित किए जाएं इस पर भी अपने सुझाव देगी. समिति एमएसएमइ के तहत विभिन्न उद्योंगों में रोजगार के अवसर सृजित करने की सम्भावनाएं भी तलाशेगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से केंद्र मोदी सरकार ने रिवॉल्विंग फंड में जो बढ़ोतरी की है, उससे महिला स्वयंसेवी समूहों की विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए रोजगार सृजित किया जाए.
उससे महिला स्वयंसेवी समूहों को को विभिन्न गतिविधियों जैसे सिलाई, अचार, मसाला बनाना इत्यादि के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए.महिलाएं जिन सामग्रियों का निर्माण करेंगी उसकी मार्केटिंग ओडीओपी के माध्यम से की जाए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में पुष्टाहार पहुंच चुका है. अत: बच्चों, किशोरियों, कन्याओं के साथ गर्भवती माताओं के लिए इसकी डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाए.