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सरकार देगी अनुदान, तो निजी विद्यालय नहीं लेंगे फीस

सीवान : कोविड-19 को लेकर लगाये गये लॉकडाउन ने निजी स्कूलों के समक्ष परेशानियों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. इन स्कूलों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अपने शिक्षकों के वेतन भुगतान की है. तीन महीने से बंद चल रहे स्कूल ने आर्थिक समस्या को बढ़ा दिया है. कोरोना संक्रमण को लेकर फैले वैश्विक महामारी […]

सीवान : कोविड-19 को लेकर लगाये गये लॉकडाउन ने निजी स्कूलों के समक्ष परेशानियों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. इन स्कूलों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अपने शिक्षकों के वेतन भुगतान की है. तीन महीने से बंद चल रहे स्कूल ने आर्थिक समस्या को बढ़ा दिया है. कोरोना संक्रमण को लेकर फैले वैश्विक महामारी की इस घड़ी में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन सीवान सचिव शिवजी प्रसाद ने सरकार से लंबित अनुदान के भुगतान की मांग की है. एसोसिएशन ने कहना है कि सरकार यदि तीन वर्षों से लंबित अनुदान का भुगतान कर देती है तो निजी स्कूल बच्चों का फीस माफ कर देंगे.

वहीं स्कूल खुलते ही शिक्षकों को उनको दी जाने वाली मेहनताना का भुगतान कर दिया जायेगा. बतातें चलें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 के तहत निजी विद्यालयों के लिए 25 फीसदी बीपीएल बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है. इन बच्चों पर निजी विद्यालयों द्वारा खर्च की गयी राशि का भुगतान सरकार करती है. अलाभकारी समूह के बच्चों के लिए दी जाने वाली यह राशि वर्ष 2017 से 2019 तक का बकाया है. जिले में वैसे तो तकरीबन एक हजार से अधिक निजी स्कूल संचालित है, परंतु अभी तक शिक्षा विभाग द्वारा मात्र 267 निजी स्कूलों को ही निबंधित किया गया है.

इन्हीं स्कूलों को यह राशि प्रदान की जानी है.कार्यालय खोलने की मांग-एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात चंद्रा व सचिव शिवजी प्रसाद ने जिला प्रशासन से निजी स्कूलों के कार्यालय खोलने की मांग की है. पदाधिकारी द्वय का कहना है कि इससे बहुतेरे लंबित कार्यों का निबटारा करने में सहूलियत होती. उनका कहना था कि जब सरकार ने शिक्षा विभाग के कार्यालय को 20 अप्रैल से खोलने का फैसला किया है तो निजी स्कूलों के कार्यालय को भी खोलने की अनुमति दे देनी चाहिए थाआकाश सेंट्रल स्कूल नहीं लेगा कोई फीससिसवन- जिप उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह द्वारा निजी विद्यालयों से तीन माह का फीस माफ करने की मांग के बीच चैनपुर स्थित आकाश सेंट्रल स्कूल ने लॉकडाउन अवधी के सभी फीस को माफ कर दिया है.

निदेशक मिथिलेश भारती ने बताया कि स्कूल के मैनेजमेंट कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि नये सत्र में लिये जाने वाले नामांकन शुल्क, पंजीयन शुल्क सहित अप्रैल माह की फीस छात्रों से नहीं ली जायेगी. उन्होंने बताया कि किताबों में भी परिवर्तन नहीं होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि अवकाश अवधि की क्षतिपूर्ति रविवार को स्कूल संचालित कर की जायेगी. निदेशक ने बताया कि जब देश कोरोना जैसे संकट से जूझ रहा है, ऐसे में लोगों को आर्थिक सहित मानसिक राहत की विशेष आवश्यकता है.

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