नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने रविवार को दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. मंत्रालय ने इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है. गृहमंत्राय ने कहा, मजदूर वर्तमान में जहां है वहीं रहेंगे. केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी.
Ministry of Home Affairs (MHA) issues Standard Operating System for the movement of stranded labourers within the state/union territory – "There shall be no movement of labour outside the state/UT from where they are currently located." pic.twitter.com/qo0UFccp6r
— ANI (@ANI) April 19, 2020
गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण उद्योग, निर्माण, कृषि और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले जो मजदूर अपने संबंधित स्थान से दूसरे स्थान चले गए हैं उन्हें राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत शिविरों में रखा गया है. 20 अप्रैल 2020 के दिशा निर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर अतिरिक्त नयी गतिविधियों को समेकित संशोधित दिशानिर्देशों में अनुमति दी गई है. जिसमें इन मजदूरों को औद्योगिक, विनिर्माण, निर्माण, खेती और मनरेगा कार्यों में लगाया जा सकता है.
मंत्रालय ने कहा, ‘यदि प्रवासी कामगारों का कोई समूह जहां वे काम कर रहे हैं उसी राज्य के भीतर अपने काम के स्थानों पर वापस लौटना चाहता है, तो उनकी जांच की जानी चाहिए और जिन लोगों में कोई लक्षण नहीं हैं उन्हें उनके काम के स्थानों पर ले जाया जाएगा
दरअसल, पहले और दूसरे चरण के लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग जगह पर मजदूर सड़कों पर उतर आए थे. उनकी शिकायत थी कि अगर वो जहां है वहां रहते हैं तो वो भोजन के बिना मर जाएंगे. हालांकि दिल्ली से हजारों प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया. लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. राज्य और केंद्र सरकारों ने इनसे जहां है वहीं रुकने की अपील की. लेकिन जब लॉकडाउन दूसरी बार लागू हुआ तो मुंबई और सूरत में मजदूर हंगामा करने लगे. बाद में प्रशासन के समझाने के बाद मामला शांत हुआ.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1334 नए मामले सामने आए हैं और 27 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 15,712 हो गई है. जिसमें 12,974 सक्रिय हैं, 2231 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 507 लोगों की मौत हो गई है.