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सेनेटाइजेशन के नाम पर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कितना सुरक्षित है? पढ़ें स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट

How safe is sodium hypochlorite spraying, Read Ministry of Health report देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. हालांकि, संक्रमण के मामलों में कुछ कमी जरूर आयी है. बावजूद, इसके देश में अभी कुल संक्रमित मरीज 15000 से अधिक पहुंच गए है और मौत का आंकड़ा भी 500 के पार चला गया है. ऐसे में लोग काफी एहतियात बरत रहे है. जिसे जो सही लग रहा है वो कर रहा है. ऐसे में लोगों की कुछ गलतफहमियों को दूर करने के लिए भारत सरकार के हेल्थ विभाग ने एक एडवाइजरी जारी किया है.

How safe is sodium hypochlorite spraying, Read Ministry of Health report देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. हालांकि, संक्रमण के मामलों में कुछ कमी जरूर आयी है. बावजूद, इसके देश में अभी कुल संक्रमित मरीज 15000 से अधिक पहुंच गए है और मौत का आंकड़ा भी 500 के पार चला गया है. ऐसे में लोग काफी एहतियात बरत रहे है. जिसे जो सही लग रहा है वो कर रहा है. ऐसे में लोगों की कुछ गलतफहमियों को दूर करने के लिए भारत सरकार के हेल्थ विभाग ने एक एडवाइजरी जारी किया है.

दरअसल, COVID-19 के रोकथाम हेतु जो कीटाणुनाशक का छिड़काव लोगों पर किया जा रहा है, वह कितना हद तक सही है, इसी पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक एडवाजरी जारी किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमारे संज्ञान में आया है कि लोगों पर कोरोना संक्रमण के रोकथाम हेतु सोडियम हाइपोक्लोराइट रसायन का छिड़काव किया जा रहा है. लेकिन, क्या इससे कोरोना का संक्रमण समाप्त हो सकता है?

मंत्रालय ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि मानव शरीर पर कीटाणुनाशक स्प्रे का उपयोग करना सही नहीं है. यह घातक रसायन से बने होते है जिन्हें हानिकारक किटाणुओं को नष्ट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की निम्नलिखित सलाह

– किसी भी परिस्थिति में व्यक्तियों या समूहों पर छिड़काव नहीं करना है. यह छिड़काव शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से काफी हानिकारक साबित हो सकता है.

– भले ही कोई व्यक्ति COVID-19 वायरस से संक्रमित क्यों न हो, शरीर के बाहरी हिस्से को स्प्रे करने से आपके शरीर में प्रवेश कर चुके वायरस को नहीं मारा जा सकता है.

– मंत्रालय की मानें तो इसकी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है कि शरीर के बाहरी हिस्सों में छीड़काव के कोरोना के किटाणु को जड़ से समाप्त किया जा सकता है. अत: इलाज ही इसका एकमात्र उपाय है.

– व्यक्तियों पर क्लोरीन के छिड़काव से आंखों और त्वचा में जलन हो सकती है, जिससे उन्हें मतली और उल्टी हो सकती है.

– वहीं, सोडियम हाइपोक्लोराइट से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, गलती से यह रसायन नाक, गले या श्वसन नली में चला जाय तो जलन और ब्रोंकोस्पज़म भी हो सकता है.

– स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो अगर वायरस को नष्ट करना है तो बार-बार हाथ धोयें और सामाजिक दूर का पालन करें.

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