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बंगाल में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या हुई 178, अब तक 12 की मौत

राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने बताया कि राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की कुल तादाद 178 हो गयी है. पिछले 24 घंटे में 23 नये मरीज सामने आये हैं जबकि सात मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छोड़ दिया गया है. कोरोना से दो और मरीजों की मौत के बाद, मरने वालों की कुल तादाद 12 हो गयी है. राज्य सचिवालय, नबान्न में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि अब तक 3.75 लाख पीपीई, 2.35 लाख एन95 मास्क, 16.40 लाख अन्य मास्क, 7.4 लाख ग्लव्स राज्य के अस्पतालों में वितरित किये गये हैं.

कोलकाता. राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने बताया कि राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की कुल तादाद 178 हो गयी है. पिछले 24 घंटे में 23 नये मरीज सामने आये हैं जबकि सात मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छोड़ दिया गया है. कोरोना से दो और मरीजों की मौत के बाद, मरने वालों की कुल तादाद 12 हो गयी है. राज्य सचिवालय, नबान्न में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि अब तक 3.75 लाख पीपीई, 2.35 लाख एन95 मास्क, 16.40 लाख अन्य मास्क, 7.4 लाख ग्लव्स राज्य के अस्पतालों में वितरित किये गये हैं. सरकारी क्वारेंटाइन में वर्तमान में 3858 लोगों को रखा गया है जबकि गृह क्वारेंटाइन में 35209 लोग हैं.

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रविवार से मालदा मेडिकल कॉलेज में टेस्टिंग शुरू

राजीव सिन्हा ने बताया कि रविवार से मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी कोरोना की टेस्टिंग शुरू हो जायेगी. यहां दैनिक 50 नमूनों की जांच की सुविधा रहेगी. कम टेस्टिंग के आरोपों के संबंध में श्री सिन्हा का कहना था कि यह आरोप गलत है. शनिवार को ही राज्य में 630 नमूनों की जांच हुई. रोजाना वह करीब 400 नमूनों की जांच कर रहे हैं. टेस्टिंग के लिए आइसीएमआर से मंजूरी जरूरी है. आसीएमआर के पास टेस्टिंग के लिए मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज, आरजी कर मेडिकल कॉलेज, बर्दवान मेडिकल कॉलेज व बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज के लिए आवेदन भेजे गये हैं.

श्री सिन्हा ने कहा कि उन्होंने सभी जिलों के सीएमओएच से बात की है. टेस्टिंग को बढ़ाने के लिए शिफ्ट को डबल करने का भी सुझाव उन्होंने दिया है. हालांकि कई स्थानों पर लॉजिस्टिक की समस्या है. टेस्टिंग के साथ-साथ संक्रमण को रोकने, मरीजों और उनके संपर्क में रहने वाले लोगों को पृथक करने का भी काम होता है. कोलकाता की बात करें तो यह वार्ड या मोहल्ले के आधार पर नहीं बल्कि बिल्डिंग और लेन के आधार पर कंटेनमेंट होता है. इसके लिए माइक्रो प्लानिंग की जरूरत है. यह अचंभे का विषय है कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि राज्य में रोजाना एक हजार टेस्टिंग हो सकती है. यह गलत है.

कोरोना की तैयारियों के संबंध में श्री सिन्हा का कहना था कि राज्य में स्थापित किये गये 66 कोविड अस्पतालों में कुल 7969 बेड हैं. जबकि केवल 178 बेड पर ही मरीज हैं. निजी क्लिनिक्स की ओर से कोविड मरीजों की चिकित्सा संबंधी आवेदन पर श्री सिन्हा ने कहा कि इस संबंध में सरकार की ओर से कभी मना नहीं किया गया था. यदि किसी निजी क्लिनिक को ऐसा लगता है कि वह कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज कर सकता है और जरूरी आधारभूत ढांचा उसके पास है तो वह इलाज कर सकता है. श्री सिन्हा ने कहा कि बंगाल के जो प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हैं उनके लिए शुरू किये गये, ‘स्नेहेर परश’ योजना के तहत सोमवार से पैसे देने का काम शुरू होगा.

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