लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि शिक्षण संस्थानों, चिकित्सालयों एवं कार्यालयों में काम करने वाले उन अस्थाई एवं आउटसोर्स किए गए कर्मियों के मानदेय में कोई कटौती न की जाए जो लॉकडाउन के कारण अनुपस्थित रहे हैं. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों एवं अन्य कर्मियों को भी बंद की अवधि में मानदेय अवश्य दिया जाए. उन्होंने बंद से प्रभावित गरीब और कमजोर वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए दिए जा रहे एक-एक हजार रुपए के भरण-पोषण भत्ते के वितरण कार्य की अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और अभियान चलाकर शेष निर्माण श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों तथा निराश्रित व्यक्तियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए.
अब तक विभिन्न श्रेणी के 23.70 लाख श्रमिकों को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से कुल 236.98 करोड़ रुपए का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया है. एक सरकारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में बंद अवधि के दौरान की व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस आपदा काल में श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, निराश्रित व्यक्तियों एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के कारीगरों आदि को एक-एक हजार रुपए की सहायता राशि के साथ-साथ खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में इस योजना के लाभ से अभी तक वंचित निराश्रित पात्र लोगों को चिह्नित किया जाए और सभी जरूरतमंदों को भरण-पोषण भत्ते का लाभ दिया जाए.
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि श्रमिकों को बंद की अवधि के दौरान का वेतन दिलाने के लिए प्रदेश की 36,090 औद्योगिक इकाइयों से सम्पर्क किया गया. अब तक 34,309 औद्योगिक इकाइयों से उनके कार्मिकों को 512.98 करोड़ रुपए का वेतन भुगतान कराया गया है. मुख्यमंत्री ने औद्योगिक इकाइयों के शेष कार्मिकों के वेतन का जल्द से जल्द भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने निजी औद्योगिक इकाइयों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के मालिकों से कहा कि वे इस आपदा में मानवीयता एवं संवेदना का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने कर्मियों की पूरी मदद करें. मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव तथा संक्रमण के उपचार के लिये किए गये प्रबन्धों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस रोग के गम्भीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन की व्यवस्था अवश्य सुनिश्चित की जाए और सभी चिकित्साकर्मियों के संक्रमण से बचाव के समुचित प्रबन्ध किए जाएं.
उन्होंने कहा कि पीपीई तथा एन-95 मास्क की सुचारु एवं नियमित आपूर्ति श्रृंखला बनायी रखी जाए. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जनपद स्तर पर कोविड-19 के बचाव, उपचार व नियंत्रण कार्यों का प्रभावी पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए हैं. योगी ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से प्रभावित रहे प्रदेश के कुछ जनपद अब संक्रमण मुक्त हो गये हैं. इसके बावजूद वहां सभी सावधानियां बरती जाएं. इन जनपदों में बंद यथावत जारी रहेगा और इसमें कोई छूट न प्रदान की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों में रह रहे उत्तर प्रदेश वासियों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव, केन्द्रीय गृह सचिव तथा अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ सम्पर्क व संवाद बनाए रखें. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारियों से नियमित फीडबैक प्राप्त किया जाए. प्रदेश में अध्ययनरत विदेशी विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए नामित नोडल अधिकारी इन छात्र-छात्राओं के सम्पर्क में रहे और इनके बारे में जानकारी से सम्बन्धित दूतावास को अवगत कराते रहें.