केरल : किडनी और दिल से संबंधित बीमारियों के लिए इलाज करा रहे कोरोना वायरस के 85 वर्षीय मरीज की शनिवार तड़के मलप्पुरम के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई. उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था और बाद में स्वस्थ घोषित कर दिया गया था.
स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा ने बताया कि मरीज बीमारी से उबर गया था और उनका दिल तथा किडनी की बीमारियों के अलावा उम्र संबंधी बीमारियों के लिए इलाज चल रहा था. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों को बताया कि वह तीन बार की गई जांच में संक्रमित नहीं पाए गए थे.
उन्होंने बताया कि बुजुर्ग का दिल तथा किडनी की बीमारियों के इलाज चल रहा था. उन्हें 13 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ा. अगले दिन किडनी ने काम करना बंद कर दिया. मलप्पुरम के जिलाधीश जफर मलिक ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सात, 10 और 13 अप्रैल को लिए गए नमूनों में मरीज के संक्रमित नहीं पाए जाने के बाद उनके विषाणु के संक्रमण से उबर जाने की घोषणा कर दी गई थी.
सरकारी मंजरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक के वी नंदकुमार ने बताया, ‘‘वह आईसीयू में थे और उनका किडनी की बीमारी और मधुमेह का इलाज चल रहा था. जिलाधीश ने बताया कि बुजुर्ग मरीज को किडनी से संबंधित बीमारी थी और मधुमेह था.
उन्होंने बताया, ‘‘वह आईसीयू में थे और पिछले दो दिनों से काफी दिक्कतें पैदा हो गई थी. उनकी उम्र और पहले की बीमारियों को देखते हुए डॉक्टरों ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन उनका सुबह चार बजे निधन हो गया. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोविड-19 से संबंधित मौत का मामला नहीं है.
प्रोटोकॉल के अनुसार, दो नमूने लेने होते हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में तीन नमूने लिए गए और सभी में संक्रमण नहीं आया. उन्होंने कहा, ‘‘यह सामान्य मौत है. अंतिम संस्कार के नियम के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पाबंदी होगी क्योंकि 20 से अधिक लोग इसमें शामिल नहीं हो सकते. उन्होंने बताया कि लेकिन कोविड-19 नियम का पालन किया जाएगा और इस संबंध में डॉक्टरों की राय ली गई है.
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मरीज विषाणु की चपेट में कैसे आया. उनका बेटा सऊदी अरब से उमरा करके लौटा था. वह एक मदरसे में पढ़ाते हैं. हालांकि, वह विषाणु से संक्रमित नहीं पाए गए. सूत्रों ने बताया कि धार्मिक उपदेशक रहे बुजुर्ग धार्मिक सभाओं के लिए नजदीक की अनाक्कायम और वेट्टाथूर की पंचायतों में गए थे.