पटना : बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए डोर-टू-डोर स्क्रिनिंग करायी जा रही है. राज्य में पिछले दो दिनों में नौ लाख परिवारों के 48 लाख 40 हजार लोगों की स्क्रीनिंग करायी गयी है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग में 15हजार 462 टीमें काम कर रही है. कोरोना वायरस को मात देने का सिलसिला जारी है.
बता दें कि अब तक 42 मरीज कोरोना के काल से बाहर निकल चुके हैं. शुक्रवार को भी सीवान के पांच संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सूबे में सैंपल जांच में तेजी लायी जा रही है. डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग और अधिक से अधिक लोगों की जांच को देखते हुए आरएमआरआइ में सेंपल जांच की क्षमता बढ़ा दी गयी है. आरएमआरआइ में एक और आरटीपीसीआर मशीन बढ़ायी गयी है. मशीन के काम करने से संस्थान की क्षमता बढ़ी है. अब प्रतिदिन सात सौ से आठ सौ सैंपल तक की जांच हो सकेगी.
मंगल पांडे ने आगे बताया कि बिहार में अभी तक करीब 10 हजार सैंपलों की जांच पूरी हो चुकी है. अब छह केंद्रों पर सेंपलों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर बिहार सरकार हर स्तर पर सजग है. केंद्र सरकार भी राज्य सरकार को हर क्षेत्र में हरसंभव सहायता मुहैया करा रही है. देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति काफी अच्छी है. राज्य में अगर कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है, तो उस अनुपात में मरीज ठीक भी हो रहे हैं.
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना वायरस से दूसरी मौत शुक्रवार को हो गयी. वैशाली जिले के राघोपुर निवासी 35 वर्षीय युवक को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद राजधानी पटना स्थित एम्स के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. एम्स प्रशासन के मुताबिक, युवक टीबी और ब्रेन में संक्रमण से ग्रसित था. मालूम हो कि इससे पहले पटना एम्स में ही मुंगेर निवासी युवक की मौत कोरोना वायरस से हो गयी थी.