जयपुर : राजस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,229 हो गयी है, जिसमें 98 नये मामले शामिल हैं. कोरोना वायरस संक्रमण से दो और लोगों की मौत हो गयी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन में आंशिक छूट की सराहना करते हुए कहा है कि बंदी की वजह से देश में प्रवासी मजदूरों की समस्या गंभीर हो गयी है.
अधिकारियों का कहना है कोरोना वायरस से संक्रमित एक 56 वर्षीय व्यक्ति की जोधपुर में गुरुवार की आधी रात को और 22 वर्षीय एक युवक की शुक्रवार को मौत हो गयी. इससे राज्य में अब तक वायरस संक्रमित 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि एमडीएम अस्पताल जोधपुर में भर्ती एक रोगी की बृहस्पतिवार देर रात मौत हो गयी. 56 साल का यह व्यक्ति 15 अप्रैल को संक्रमित पाया गया था. उसे हृदय संबंधी बीमारी भी थी.
इस बीच, शुक्रवार को राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के 98 नये मामले सामने आये. इनमें जयपुर में 8, जोधपुर में 38, टोंक में 22, अजमेर में नौ, कोटा-नागौर में छह-छह, झुंझुनूं, झालावाड़ और दौसा में एक-एक मामला शामिल है. राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,229 हो गयी है.
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ साथ 60 वे लोग भी हैं, जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है. राज्य भर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और कम से कम 40 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मौजूदा लॉकडाउन में 20 अप्रैल से आंशिक छूट देना बड़ा फैसला है. यह तभी कामयाब होगा, अगर इसे केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर लागू करें. गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददाताओं से कहा कि 21 दिन के बाद 19 दिन का लॉकडाउन एक बहुत बड़ा समय होता है.
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उन्होंने कहा कि इसके खुलने से या आंशिक छूट से अन्य गतिविधियां शुरू होंगी, जिससे प्रवासी मजदूरों के साथ साथ घरों में बैठे अन्य लोगों में भी विश्वास पैदा होगा. इसका फायदा देश और राज्यों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या प्रवासी मजदूरों की है और उनमें वापस घर लौटने को लेकर आक्रोश पैदा हो रहा है. उन्हें वापस लौटने की छूट एक बार देनी चाहिए.
अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण देश में प्रवासी मजदूरों की समस्या बहुत गंभीर हो गयी है. चाहे मजदूर अपने राज्य में रह रहे हों या दूसरे राज्य में. उनका एक बार अपने घर जाना जरूरी है. ऐसे में 20 अप्रैल के बाद हो सकता है, भारत सरकार इसमें थोड़ी छूट दे दे. ऐसा होने से मजदूरों का टूटा मनोबल लौट सकेगा और वे अपने रोजगार पर वापस आने में सहूलियत महसूस करेंगे.