बोकारो : कोरोना को हम तभी हरा सकते हैं, जब लॉक डाउन का सख्ती से पालन करेंगे. सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखना सबकी जिम्मेदारी है. काेरोना के खिलाफ जारी इस लड़ाई में सबको सैनिक बनना है. सुरक्षा के लिहाज से हाथ में ग्लब्स और मुंह में मास्क लगाना जरूरी है. सड़क पर निकल कर कोई वीर नहीं कहलायेगा, बल्कि समाज का अहित ही करेगा. शुक्रवार को बोकारो के कई बुद्धिजीवियों ने प्रभात खबर से बातचीत में इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
17 बोक 21 – मुख्तार आलम इस आपदा से निबटने का एकमात्र उपाय है घर में रहना. देश, समाज और अपनी सुरक्षा के लिए घर में रहें. लॉक डाउन के नियमों का पालन करें. मुख्तार आलम, सेक्टर टू17 बोक 22 – आमानसभी लोगों को कोरोना योद्धाओं का साथ देने की जरूरत है. इसके लिए बाहर निकलने की जरूरत नहीं है. घर में रह कर ही उनकी मदद कर सकते हैं. नियमों का पालन करें और अन्य लोगों को भी कराएं.
आमान, सिवनडीह 17 बोक 23 – डॉक्टर हसीन अख्तरसंयम से काम लेने की जरूरत है. आपसी भाईचारा के साथ-साथ सोशल डिस्टेंस भी मेंटेन रखना है. लॉक डाउन को पालन कराना और करना सबकी जिम्मेदारी है. इसी से कोरोना हारेगा. डॉ हसीन अख्तर, सेक्टर 1117 बोक 24 – डॉक्टर तनवीर यूनुसयह समझना होगा कि लॉक डाउन हमारी बेहतरी के लिए लगाया गया है. इसके नियमों का पालन करना भी हमारी जिम्मेदारी है.
कोरोना से बचने का एक ही उपाय है घर में रहना और सोशल डिस्टेंस का पालन. डॉक्टर तनवीर यूनुस, सेक्टर 917 बोक 25 – इसराइल रजाकोरोना वायरस खतरनाक है, जिससे सबको मिल कर लड़ना है. घर में ही रहें और सोशल डिस्टेंस का पालन करें. हर हाल में इस वायरस के खिलाफ जारी जंग में विजय होना है. इसराइल रजा, सिवनडीह