छपरा (कोर्ट) : संपूर्ण भारत में कोरेना वायरस के बढ़ रहे प्रभाव तथा बार काउंसिल पटना के निर्णय के मद्देनजर छपरा विधि मंडल के सेंट्रल हॉल में उपाध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं की एक आपातकालीन आम सभा की गयी. जिसमें कोरेना वायरस के प्रभाव से बचने के लिए अधिवक्ताओं के साथ विचार विमर्श किया गया और सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि विधि मंडल के अधिवक्ता लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे. साथ ही निर्णय लिया गया कि देश हित में महामारी के रूप मे फैल रहे कोरेना वायरस को रोकने के लिए भारत सरकार के द्वारा सोशल डिस्टनसिंग का जो मार्गदर्शन दिया जा रहा है उसका पालन किया जाये.
अधिवक्ताओं ने एक जगह एकत्रित न होने और अपने तथा देश को सुरक्षित रखने के लिए घर से बाहर ना निकलने का फैसला लिया. बैठक में अखिलेश कुमार सिंह उपाध्यक्ष, निर्मल श्रीवास्तव युवा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, विनय कुमार सिंह, सचिव राजीव कुमार सिंह, गंगोत्री प्रसाद, कल्याण किशोर, दुर्गेश, प्रकाश विहारी, उमेश सिंह, पवन श्रीवास्तव, वेद प्रकाश, शैलेन्द्र सिंह, प्रकाश रंजन श्रीवास्तव, मणिकांत, नरेंद्र पांडेय, रंजन भक्त सहित दर्जनों अधिवक्ता शामिल थे.
विदित हो कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा कोरेना वायरस को देखते हुए पूर्व में ही आदेश दिया गया था कि तीन मई तक कोई भी पक्षकार न्यायालय में नहीं आएं. उनके जमानत बंध पत्र तथा किसी भी मुकदमे में उनके खिलाफ कोई फैसला नहीं किया जायेगा. केवल जमानत की सुनवाई, जजमेंट या अर्जेंट मामले में ही सुनवाई की जायेगी.
अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से अलग हो जाने के बाद अब किसी भी प्रकार की कोई जमानत याचिका की सुनवाई या किसी भी प्रकार का कोई काम न्यायालय में नहीं होगा, केवल पकड़े गये आरोपितों को न्यायालय द्वारा रिमांड किया जायेगा. अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से अलग रहने की सूचना विधि मंडल द्वारा जिला जज को भेज दी गयी. जिसकी सूचना जिला जज ने उच्च न्यायालय पटना को भी भेज दिया है. पूर्व में भी सरकार द्वारा लॉकडाउन किये जाने पर अधिवक्ताओं द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर अपने को न्यायिक कार्य से अलग रख गया था.