पटना : बिहार के बक्सर जिले में गुरुवार को कोरोना संक्रमण के दो और मुंगेर से 9 नये मामले प्रकाश में आने के बाद प्रदेश में कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 83 हो गयी है. वहीं, वैशाली के राघोपुर के कोरोना वायरस से पीड़ित होने की सूचना के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को अपनी कार्रवाई शुरू कर दी. उसकी ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने के बाद यह जानकारी मिली कि वह पटना जिला में दो हॉस्पिटल के कर्मियों, गाड़ी चालक, परिजन व अन्य को मिला कर करीब 100 लोगों के संपर्क में आया था.
उन सभी की लिस्ट जिला प्रशासन ने तैयार कर ली है. जानकारी के अनुसार खुसरूपुर स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल के 15, दो जांच केंद्रों के 30 और सकलदीप पॉपुलर हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के 22 , परिजन व अन्य 35 लोगों की लिस्ट बनायी गयी है. इनका सैंपल ले लिया गया है और उन सभी को क्वारेंटिन करा दिया गया है. हॉस्पिटल से जुड़े लोगों को वहीं क्वारेंटिन कराया गया है. पीड़ित के परिजनों व उसके गांव के लोगों को वैशाली जिले के क्वारेंटिन सेंटर में क्वारेंटिन कराया गया है. साथ ही इन दोनों हॉस्पिटलों में भर्ती छह मरीजों को भी क्वारेंटिन कराने के साथ ही उनके सैंपल लिये जा रहे हैं. इन सभी की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. हालांकि इस चेन से जुड़े अन्य लोगों की लिस्ट भी जिला प्रशासन द्वारा तैयार की जा रही है. ताकि अगर इनमें से किसी एक का भी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आता है, तो फिर उससे जुड़े लोगों को तुरंत क्वारेंटिन कराने के साथ ही जांच करायी जा सके.
जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद न्यू बाइपास के रामलखन पथ स्थित सकलदीप पॉपुलर हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड व खुसरूपुर के सेंट्रल हॉस्पिटल को बुधवार की देर रात सील करने के बाद गुरुवार को अस्पताल के साथ ही पूरे मुहल्ले में सैनिटाइजेशन करा दिया गया है. जिस इलाके में दोनों हॉस्पिटल है, वहां बैरिकेडिंग करके लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गयी है. इसके साथ ही उस मुहल्ले के तमाम लोगों को घर से बाहर निकलने की मनाही कर दी गयी है. इतना ही नहीं मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है कि कोई भी बाहर नहीं निकल सके. लोगों को जिला प्रशासन के सहयोग से होम डिलिवरी के माध्यम से सामान मंगवाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही उस इलाके के किराना की दुकान को भी बंद करा दिया गया है. दोनों ही हॉस्पिटल में नये मरीजों की भर्ती पर राेक लगा दी गयी है. उससे जुड़े इलाकों में सर्वेक्षण का कार्य भी किया जा रहा है.
इस पूरे मामले में 100 लोगों की सूची तो बन गयी है. लेकिन, अगर इनमें से किसी और का भी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकलती है तो संख्या काफी बढ़ सकती है. मसलन अगर जांच केंद्र से जुड़े लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो फिर उसके संपर्क में आये सारे लोग संदिग्ध की सूची में शामिल हो जायेंगे. क्योंकि जांच केंद्र के कर्मी ने उसकी जांच करने के साथ ही कई अन्य की भी जांच की होगी.