वाशिंगटन : अमेरिका में भारत समेत अन्य देशों के कर्मचारियों के लिए एच 1 बी और जे-1 वीजा में कुछ तय नियमों की वजह से ऐसे वीजा रखने वाले डॉक्टर कुछ तय जगहों के बाहर इस संकट के समय में भी सेवा दे पाने में असमर्थ हैं.
पत्र में ये बताया गया है कि एच-वनबी और जे-वन वीजा रखने वाले चिकित्सकों को खास मान्यता वाले स्थानों के बाहर सेवा देने की अनुमति नहीं है. सांसदों ने अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन एजेंसी (यूएससीआईएस) के कार्यवाहक निदेशक केन कुकीनेली को पत्र लिखा है और इन प्रतिबंधों को लोक स्वास्थ्य संकट के समय हटाने की मांग की है ताकि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए ऐसे डॉक्टर उपलब्ध हो पाएं.
पत्र में ये बताया गया है कि एच-वनबी और जे-वन वीजा रखने वाले चिकित्सकों को खास मान्यता वाले स्थानों के बाहर सेवा देने की अनुमति नहीं है. एच-वनबी वीजा वैसे तो ज्यादातर आईटी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय है लेकिन यह वीजा विदेश के डॉक्टरों को भी जारी किया जाता है.
एच-वनबी वीजा खास विशेषता से जुड़ा होता है इसलिए ऐसे डॉक्टरों को किसी अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम में नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही इन्हें अस्थायी तौर पर किसी अन्य स्थान पर तैनात किया जा सकता है. मौजूदा माहामारी के समय स्वास्थ्य अधिकारी इन विदेशी डॉक्टरों की सेवा का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.
जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़े के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 638,00 मामले हैं और 31,000 लोगों की मौत हो चुकी है.