हिंदू धर्म में हर शुभ काम अच्छा मुहूर्त देखकर किया जाता है. अशुभ समय में किए काम मनचाहा परिणाम नहीं देते है. यही कारण है कि पंचक में बहुत से शुभ काम करने की मनाही है. हिन्दू मान्यता के अनुसार पंचक शुक्रवार से शुरू हो रहा है. पंचक का समय अशुभ माना जाता है. पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं. इन पांचों नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को ‘पंचक काल’ कहा जाता है. शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक को ‘चोर पंचक’ के नाम से जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है. इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है. अत: इन दिनों में लोगों को विशेष संभलकर रहने की आवश्यकता होती है. इस बार शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020 दिन 12:18 मिनट से पंचक शुरू होकर बुधवार 22 अप्रैल दोपहर 1:18 तक रहेगा.
इस समयावधि में अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है. यह अशुभ समय होने से इस दौरान किसी भी शुभ कार्य नहीं की जाती है. इसी के चलते पंचक के समय हर किसी को शुभ कार्य करने से रोका जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार से पंचक शुरू हो रहा है, जिसे चोर पंचक कहा जाता है, इस पंचक के दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा धन से जुड़ा कोई कार्य भी पूर्णत: निषेध माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान धन की हानि होने की संभावनाएं प्रबल रहती हैं. अत: सावधानी बरतते हुए कोई भी लेन-देन का कार्य करना चाहिए.
पंचक के इन पांच दिनों का यह समय वर्ष में कई बार आता है, इसलिए सामान्य जन को यह ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जरूरी कार्य इन 5 दिनों में संपन्न ना किया जाए तो ही बेहतर है. अगर कोई कार्य करना भी हो तो इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं. इस समय घर से बाहर नहीं जाना चाहिये. इसके अलावा ना ही घर की छत और खाट बनवानी चाहिए और ना ही ईंधन का सामान इकट्ठा करना चाहिए. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हर सामान्य जन को इस पंचक काल के पांच दिन विशेष सावधानीपूर्वक व्यतीत करना चाहिए.
01. रोग पंचक
रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं. इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है.
02. राज पंचक
सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. ये पंचक शुभ माना जाता है. इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है. राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है.
03. अग्नि पंचक
मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है. इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं. इस पंचक में अग्नि का भय होता है. इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना जाता है. इनसे नुकसान हो सकता है.
04. मृत्यु पंचक
शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है. नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है. इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए. इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है.
05. चोर पंचक
शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है. विद्वानों के अनुसार इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है. इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए. मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है.
06. इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं माना गया है. इन दो दिनों में शुरू होने वाले दिनों में पंचक के पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं.