छपरा : कोरोना वायरस की मार सबसे ज्यादा मजदूरों को झेलनी पड़ रही है. मजदूरों का पलायन एक राज्य से दूसरे राज्य में लगातार जारी है. सबसे भयावह मंजर सड़कों व रेलवे लाइन पर देखने को मिल रहा है. जब मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल ही अपने घर को निकल पड़े हैं. छपरा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां 25 से 30 की संख्या में मजदूर मालदा (बंगाल) जाने के लिए पैदल रेलवे लाइन का सहारा लेते हुए चल पड़े. बुधवार को छपरा के गड़खा ढाला के समीप इन मजदूरों को लोगों ने रोककर खाना खिलाया और रास्ते के लिए कुछ खाना भी दिया.
रेलवे के ठेकेदार के लिए काम करते थे मजदूर मजदूरों से बातचीत हुई तो पता चला कि यह सभी सीवान से आ रहे थे और वह बंगाल के मालदा जा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि वह सीवान में रेलवे के लिए काम करते थे. लॉकडाउन के बाद ठेकेदार इन्हें छोड़ कर चला गया है. इसके बाद खाने के लिए पैसे भी नहीं है और दो वक्त खाना भी नहीं मिल रहा है. भुख- प्यास और पैसों की कमी के कारण पैदल घर जाना ही मजदूरों ने उचित समझा और रेलवे लाइन का सहारा लेते हुए बंगाल के लिए निकल पड़े. इन सभी को 800 से 900 किलोमीटर रेल लाइन के माध्यम से पैदल ही तय करना पड़ेगा, यह बात सोच कर ही आम लोग से हम जा रहे हैं. सारे मजदूर किसी तरह पहुंचना चाहते है अपने घर इसके तुरंत बाद मजदूरों का एक और जत्था रेलवे लाइन पर दिखा उन लोगों से बातचीत हुई तो पता चला वह सभी समस्तीपुर पैदल जा रहे हैं. वह सारे मजदूर किसी तरह अपने घर पहुंचना चाहते थे.
यह लोग सड़क मार्ग का सहारा ना लेकर रेलवे मार्ग का सहारा ले रहे, ताकि इन्हें रास्ते में कोई पुलिस ना रोक ले. वहीं बुधवार की देर रात गाजीपुर से रेल लाइन पकड़ कर पैदल ही मुजफ्फरपुर जा रहे मजदूर भी रास्ते से गुजर रहे थे, तो छपरा के गड़खा ढाला के समीप आम लोगों ने उनकी मदद की. इस दौरान राजभवन के उत्कर्ष राज समेत इलाके के अन्य लोगों ने इन्हें भोजन कराया और आगे जाने के लिए खाना भी दिया.सारण एसपी व रेल डीएसपी को दी गयी सूचना मजदूरों के पलायन की सूचना लोगों ने मुफस्सिल थाना, सारण एसपी व सोनपुर रेल डीएसपी को दी. सारण एसपी ने भी कहा कि वह इस मामले को देख रहे हैं. पुलिस को सूचना दे दी गयी है. इस दौरान सोनपुर डीएसपी ने कहा कि सोनपुर मंडल के स्टेशनों को सूचना दी गयी है, इसके बाद जीआरपी थानाध्यक्ष सोनपुर द्वारा तमाम स्टेशनों पर सूचना देकर लोगों को ट्रेस करने का निर्देश दिया गया और इन लोगों को रोककर क्वारेंटिन करने और खाने-पीने की व्यवस्था की बात कही.