कोच्चि : बुधवार को केरल में कोरोना का सिर्फ एक मामला सामने आया. केरल अपनी रणनीति के तहत कोरोना वायरस पर लगाम लगाने में सफल हो रहा है. इस राज्य की कई रणनीत पूरे देश में लागू है.
बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 387 है जिनमें से 167 लोगों में यह वायरस एक्टिव है जिनका इलाज चल रहा है.
केरल उन राज्यों में है जहां कोरोना का पहला मामला आय था. 30 जनवरी को केरल के त्रिसूर में देश का पहला मामला प्रकाश में आया था. इस मामले के बाद ही देश में कोरोना के मामले बढ़ने लगे थे.
लंबे समय तक यह राज्य कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में सबसे ऊपर की सूची में रहा. आज अगर कोरोना वायरस को लेकर देश की स्थिति का आंकलन करेंगे तो पायेंगे यह राज्य अब दसवें नंबर पर है. महाराष्ट्र अभी राज्यों की सूची में सबसे आगे है जहां 2687 मामलों की पुष्टि हुई है.
केरल ने इतने कम समय में कोरोना पर काबू पा रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण है राज्य की रणनीति. इसकी राज्य ने वायरस से निपटने के लिए जो रणनीति बनायी उसे दूसरे राज्यों को भी सीखना चाहिए. केरल में सबसे ज्यादा प्रभावित जिला कासरगोड़ है.
यहां से अबतक 135 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. यहां भी प्रशासनिक स्तर पर रणनीति ने काम किया गया. इसमें मुख्य रूप से पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने, संदिग्धों की पहचान करने, प्रभावित इलाकों को सील करने से लेकर पहरेदारी बढ़ाने और कड़ी निगरानी के लिए ड्रोन की मदद लेने जैसे कई कदम शामिल हैं.
कोरोना के हॉटस्पॉट की पहचान भी केरल में की गयी है और इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि वहां लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन हो. इन रणनीति का नतीजा सामने है केरल धीरे- धीरे अपने राज्य में कोरोना के नये मरीजो को संक्रमित होने से रोकने में सफल हो रहा है.