लॉकडाउन की वजह से प्रमंडलीय मुख्यालय शहर हजारीबाग में चार सौ से अधिक यात्री वाहन खड़े हैं. वाहन मालिक गाड़ी नहीं चलने से टैक्स कैसे देंगे इसे लेकर परेशान हैं. प्रमंडलीय मुख्यालय शहर हजारीबाग से झारखंड के अलग अलग जिले धनबाद, चतरा, गिरिडीह, बोकारो, रांची, रामगढ़, जमशेदपुर, कोडरमा के आलावा बिहार के पटना, गया और अन्य शहरों के लिए सैकड़ों यात्री वाहन प्रतिदिन चलते हैं. पूरे देश में लॉक डॉउन के कारण यात्री वाहन पूरी तरह खड़े हैं. कई वाहन मालिक बैंकों से ऋण लेकर बस चला रहे हैं. देश में लॉक डॉउन जैसे-जैसे बढ़ रहा है इन बस मालिकों का दर्द बढ़ता जा रहा है.
कोरोना महामारी को लेकर अचानक देश में लॉकडॉउन के कारण यात्री वाहन के चालक और बस कंडक्टर व इनसे जुड़े परिवारों को सोचने पर मजबूर कर दिया. वाहन न चलने से इन परिवार वालों के सामने खाने के खाने के लाले पड़ गए हैं. लेकिन कई वाहन मालिक अपने कामगारों को राशन व अन्य सुविधा मुहैया कराने में लगे हैं.
सरकार ने बस मालिकों की परेशानी को समझते हुए टैक्स में राहत देने की सहमति प्रदान की है. सरकार के परिवहन सचिव के. रवि कुमार की ओर से पत्र जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि वो वाहन फोर सॉफ्टवेयर में सुधार करेंगे. इसमें यह भी कहा गया है कि यात्री वाहन जब तक नहीं चलते हैं वाहन मालिकों से टैक्स की वसूली में राहत प्रदान की जाएगी. वहीं वाहनों के फिटनेस, परमिट एवं चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस 30 जून 2020 तक फेल रहने पर जुर्माना राशि नहीं लिया जाएगा.
झारखंड प्रदेश बस ऑनर एसोसिएशन के महासचिव एवं ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस प्रबंध समिति सदस्य प्रदीप कुमार ने कहा कि लॉक डॉन के कारण सभी बस मालिकों की परेशान बढ़ी है, ऐसे में सरकार बस मालिकों को राहत देने का कार्य करें. टैक्स में छूट के अलावा सरकार की तरफ से बस मालिकों को मदद किया जाए. प्रदीप कुमार ने कहा कि बस मालिकों का भी एक बड़ा परिवार होता है. यात्री वाहन खड़े होने से बस मालिक परेशान हैं.
हजारीबाग आरटीए सचिव केके सिंह ने कहा कि सरकार व्यवसायिक यात्री वाहन मालिकों को राहत देने के लिए तत्पर हैं. सरकार ने वाहन फोर सॉफ्टवेयर में सुधार के लिए पत्र जारी किया है जिसमें यात्री वाहन जब तक खड़ी रहती है वाहन मालिकों को टैक्स में राहत मिलने की संभावना है.