रांची : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को रिम्स में कोरोनावायरस संक्रमण का डर सता रहा है. झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख इसी बात का हवाला देकर लालू को पैरोल पर रिहा करने की पैरवी करते नजर आए. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की उम्र 70 वर्ष से अधिक है. वे रिम्स में भर्ती हैं, ऐसे में उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है, इसलिए उन्हें पैरोल पर रिहा किया जायेगा.
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बादल पत्रलेख ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश में यह कहा गया है कि जो कैदी 70 वर्ष से अधिक हैं उन्हें बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पैरोल पर छोड़ा जाए. जेलों में बंद ऐसे कैदियों को कई राज्यों ने पैरोल पर छोड़ना शुरू भी कर दिया है. बादल पत्रलेख ने कहा कि रविवार को होने वाले राज्य कैबिनेट की बैठक में इस मामले को रखेंगे. वैसे कैबिनेट की बैठक अब 13 अप्रैल को अपराह्न तीन बजे होगी. उम्मीद है बादल पत्रलेख बैठक में यह मुद्दा उठा सकते हैं.
उच्च स्तरीय बैठक में लालू के उम्मीदों पर फिर गया था पानी
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की उम्मीदों को बुधवार (8 अप्रैल, 2020) को तगड़ा झटका लगा. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते उन्हें पेरोल मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह उम्मीद भी खत्म हो गयी. जेलों में कोविड19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने कुछ कैदियों को रिहा करने की योजना बनायी थी.
कुछ दिन पहले झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि आर्थिक आपराधिक और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पैरोल नहीं दी जायेगी. वहीं गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ सात साल की कम सजा वाले कैदियों की पैरोल का विरोध सरकार कोर्ट में नहीं करेगी. उन मामलों में संबंधित कोर्ट ही निर्णय ले सकती है. उच्च स्तरीय बैठक के बाद लालू प्रसाद के पैरोल पर चल रहा संशय थम गया था. आर्थिक अपराध का आरोपी होने के कारण लालू प्रसाद को पैरोल नहीं मिल पाएगा.
बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस एससी मिश्रा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जेल आईजी शशि रंजन व डालसा के सचिव मौजूद थे. झारखंड के जेल आईजी शशि रंजन ने बताया की कोरोना को लेकर जेलों में भीड़ को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सात साल से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाए, ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके.