21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रसिद्ध साहित्यकार श्रवण कुमार गोस्वामी का निधन, ‘जंगलतंत्रम’ उपन्यास ने दिलायी थी ख्याति

Shravan Kumar Goswami dies Renowned litterateur राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त रांची के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ श्रवण कुमार गोस्वामी का आज सुबह निधन हो गया. वे 84 वर्ष के थे. डॉ गोस्वामी काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद वे बिस्तर पर ही थे और साहित्यिक गतिविधियों से दूर हो गये थे.

रांची : राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त रांची के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ श्रवण कुमार गोस्वामी का आज सुबह निधन हो गया. वे 84 वर्ष के थे. डॉ गोस्वामी काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद वे बिस्तर पर ही थे और साहित्यिक गतिविधियों से दूर हो गये थे.

डॉ गोस्वामी रांची के डोरंडा कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर थे, हालांकि वे रांची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे. रांची विश्वविद्यालय में उनके द्वारा लिखी गयी नागपुरी व्याकरण की किताब पढ़ाई जाती थी. उनकी सबसे चर्चित रचना ‘जंगलतंत्रम’ है. यह उपन्यास काफी चर्चित रहा और इसने डॉ गोस्वामी की ख्याति पूरे देश में फैला दी. इसके अतिरिक्त ‘एक छोटी सी नगरी की लंबी कहानी’ नाम से उन्होंने रांची का का पूरा इतिहास लिखा था. जो बाद में ‘रांची तब और अब’ के नाम से पुस्तक रूप में प्रकाशित हुई थी. वे हिंदी और नागपुरी में लिखते थे. उन्हें राधाकृष्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

Undefined
प्रसिद्ध साहित्यकार श्रवण कुमार गोस्वामी का निधन, ‘जंगलतंत्रम’ उपन्यास ने दिलायी थी ख्याति 2

डॉ गोस्वामी के निधन की खबर से साहित्य जगत में शोक है. उनकी दो बेटियां और एक पुत्र हैं. डॉ गोस्वामी की प्रमुख रचनाओं में जंगलतंत्रम, सेतु, भारत बनाम इंडिया, दर्पण झूठ ना बोले, राहु केतु,मेरे मरने केे बाद, चक्रव्यूह,एक टुकड़ा सच और आदमखोर शामिल है. उनका कहानी संग्रह जिस दीये में तेल नहीं काफी चर्चित रहा था. उन्होंने डॉ कामिल बुल्के स्मृति ग्रंथ और रामचरितमानस का मुंडारी अनुवाद का संपादन किया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें