छपरा (सदर) : सारण के पड़ोसी जिले सीवान में दो दर्जन से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मरीजों के मिलने तथा जिला प्रशासन द्वारा 13 स्थानों पर चेक पोस्ट बनाकर जहां लगातार वाहनों या आम जनों के एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर रोक लगा दी गयी है. वहीं सीवान जिले से सटे सारण के पांच प्रखंडों यथा एकमा, लहलादपुर, मांझी, बनियापुर, मशरक के पांच से छह दर्जन गांवों की हजारों की आबादी एक ओर जहां कोरोना के फैलाव को लेकर भयभीत है. वहीं सीमावर्ती गांवों में रहने वाले ग्रामीण जिनका बाजार, बैंक आदि सीवान जिले के पड़ोसी प्रखंड में पड़ता है उनके चेहरे पर परेशानी स्पष्ट रूप से दिख रही है. कई गांवों के किसानों का तो यह भी कहना है कि सीमावर्ती जिला होने की वजह से उनकी खेती बारी के साथ-साथ बाजार आदि का काम भी सीवान जिले में होता है.
ऐसी स्थिति में एक ओर जहां सीवान जिले में कोरोना वायरस के तेजी से फैलाव के कारण आस-पास के गांवों के लोगों में भय है. वहीं लंबे लॉकडाउन तथा सीमा सील होने के बाद आर्थिक तंगी व बुनियादी जरूरत के सामानों की जुटाना भी मुश्किल होगा. मालूम हो कि सीवान जिले से सटे बनियापुर प्रखंड के पिंडरा, पिपरा, मशरक प्रखंड के ब्राहिमपुर, जजौली, बहरौली, एकमा प्रखंड के रसूलपुर थाना क्षेत्र के चपरैठी आदि गांवों के लोग परेशान हैं. बनियापुर थाना क्षेत्र के पिंडरा गांव के अवकाश प्राप्त शिक्षक राजाराम राय का कहना है कि पिंडरा, पिपरा आदि गांवों के ग्रामीणों का मुख्य बाजार सीवान जिले का सीमावर्ती प्रखंड भगवानपुर हाट है. जहां प्रखंड के दक्षिणी छोड़ पर बड़ा बाजार होने के साथ-साथ व्यावसायिक बैंक तथा अन्य बैंकों की शाखाएं हैं. जहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में जाकर आवश्यक सामान की खरीदारी के साथ-साथ बैंक से आवश्यक रुपये की निकासी भी करते हैं. लॉकडाउन के बाद सीमा सील होने से निश्चित तौर पर आर्थिक व व्यवसायिक परेशानी बढ़ेगी. उधर मशरक प्रखंड के नवादा पंचायत के मुखिया पति ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि सीमावर्ती गांव होने के कारण निश्चित तौर पर पड़ोसी बाजार में जाना या डाक घर या बैंक सेवा लेने के लिए सीवान जिले में प्रवेश करने की लोगों की मजबूरी रहती है. परंतु एक ओर जहां कोरोना वायरस बचाव जरूरी है. वहीं दूसरी ओर आवश्यक जरूरी सामान भी उपलब्ध कराने का प्रयास पंचायत की ओर से जरूरतमंदों को किया जा रहा है.