मुंबई : लॉकडाउन के दौरान खंडाला से महाबलेश्वर जाना डीएचएफएल के मालिक धीरज वाधवा परिवार को भारी पड़ गया है. महाराष्ट्र पुलिस ने उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया है. इससे पहले पुलिस ने परिवार के सभी लोगों को आइसोलेट कर अलग-थलग रख दिया था. हालांकि वाधवा परिवार को महाबलेश्वर जाने की इजाजत महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने दी थी.
Also Read: आठ राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी, जानें राज्यवार आंकड़ा
राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने मुंबई के मशहूर वाधवा फैमिली के 23 लोगों के बाहर घूमने का पस एक साथ जारी कर दिया, जिसके बाद राज्य की राजनीति में हंगामा मचा हुआ है. विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस मामले में राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है. बताया जा रहा है कि वाधवा के ऊपर यस बैंक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है, जिसमें पूछताछ के लिए ईडी उन्हें कब से ढूंढ रही थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वाधवा फैमिली के 23 लोगों को राज्य सरकार के स्पेशल गृह सचिव अमिताभ गुप्ता ने खंडाला से महाबालेश्वर जाने की परमिशन दे दी, जिसके बाद वाधवा फैमिली ने पांच गाड़ियों के साथ खंडाला से महाबालेश्वर पहुंचे.
Also Read: Coronavirus: सीएम नवीन पटनायक का ऐलान- ओडिशा में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने एक साथ 23 लोगों को देखकर हंगामा कर दिया, जिसके बाद वहां स्थानीय पुलिस अधिकारी को आना पड़ा. हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों ने वाधवा फैमिली के सभु लोगों को अलग थलग कर रख दिया है.
क्या लिखा है पत्र में– महाराष्ट्र सरकार के स्पेशल गृह सचिव अमिताभ गुप्ता के नाम से जारी इस पत्र में कहा गया है कि वाधवा फैमिली के लोग हमारे करीबी हैं, जिन्हें खंडारा महाबालेश्वर जाने दिया जाये. साथ ही पत्र में सभी गाड़ियों के नाम और उसमें जाने वाले लोगों के नाम भी है.
सीएम नाराज– बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण से राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे नाराज हैं, जिसके बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मामले हाईकमेटी से जांच कराने की बात कही है. वहीं अमिताभ गुप्ता को छुट्टी पर भेज दिया गया है.
बीजेपी ने राज्यपाल को लिखा पत्र- इस पूरे प्रकरण में बीजेपी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी नेता किरिट सोमैया ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मामले हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी है.