कोरोना के देश में कई मामले सामने आ चुके हैं. देशभर में कई मौत इस वायरस से प्रतिदिन हो रही है. झारखंड में भी कल पहली मौत कोरोना के संक्रमण से हो गई. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा दिए गए कुछ नियमों का पालन हमें इस वायरस से बचाव के लिए हर मामले में करना होगा. हम आज आपको अपने इस रिर्पोट में बताने जा रहे हैं कि कैसे कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव को पूरी सावधानी के साथ डिस्पोज करें.
आपको बता दें डब्लूएचओ ने शवों के डिस्पोज करने को लकर कुछ दिशा-निर्देश दिए है, जिन्हें फॉलो करना हमारे लिए बेहद जरूरी है ताकि इससे मौके पर मौजूद लोगों को संक्रमण का खतरा न हो.
– पॉजिटिव केस वाले शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना है. अगर किसी परिस्थिति में पोस्टमार्टम किया जाता है, तो चिकित्सक व संबंधित कर्मी पीपीइ किट का इस्तेमाल करेंगे. शव को प्लास्टिक के सील बैग में रखा जाएगा. फिर कीट व अन्य सारे सामानों को सेनिटाइज करना है.
– मर्चरी, एंबुलेंस चालक, पोस्टमार्टम कर्मचार, श्मशान व कब्रिस्तान के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देनी है कि कैसे बॉडी को डिस्पोजल किया जाये. स्वास्थ्य कर्मचारी के पास पीपीइ किट, ग्लब्स, एन 95 मास्क, आइसोलेशन या फिर वेंटिलेटर के समय पाइप, ड्रेन, ट्यूब सहित अन्य सामानों को सेनेटाइज करने के बाद डिस्पोजल करना है.
– मरीज को किसी कारण से जख्म हो जाता है, खून बह रहा है, तो उसे साफ करना है.
– मरीज की मौत होने पर जितनी पाइप व उपकरण लगे हैं. उसे तुरंत हटा लेना है. नहीं होने पर शव से तरल पदार्थ लिकेज हो सकता है और इससे संक्रमण का खतरा होता है.
– शव को देखने के लिए परिजनों को सेफ्टी किट के साथ जाना होगा.
– बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की नियमावली के अनुसार बायो वेस्ट का डिस्पोजल करना है.
– स्वास्थ्य कर्मचारी शव को छू सकता है. इसके बाद अपना पीपीई किट हटाकर हाथ को सेनेटाइज करना है.
– जहां शव था वहां फ्लोर बेड, रेलिंग, साइड टेबल, स्टूल स्टैंड को एक प्रतिशत सोडियम क्लोराइड सॉल्यूशन से 30 मिनट तक सेनेटाइज करना है. उसके बाद उसे सुखाना है, फिर उसका उपयोग किया जा सकता है.
– कर्मचारियों को पीपीइ किट का इस्तेमाल करना है.
– शव को चार डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना है.
– मर्चरी को सेनिटाइज करना है.
– परिजनों को शव छूने नहीं देना है. इच्छा जताने पर शमशान का स्वास्थ्य कर्मचारी ही चेहरे को दिखायेगा.
– अंतिम संस्कार बैग के साथ ही कर देना है. अंतिम विधि विधान नहीं करना है.
– अंतिम संस्कार के बाद अस्थि परिजन ले सकते हैं. उसमें किसी तरह का खतरा नहीं होता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.