vijay mallya : पूरी दुनिया में जारी कोरोना संकट के बीच भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को राहत मिली है. लंदन की उच्च न्यायालय ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. शराब कारोबारी विजय माल्या को राहत देते हुए उच्च न्यायालय ने एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गयी है ताकि उससे तकरीबन 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सकें.
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उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए. ‘चीफ इन्सोल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट’ के न्यायाधीश ब्रिग्स ने गुरुवार को दिये अपने फैसले में कहा कि इस समय बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का मौका देने की कोई वजह नहीं है.
गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समूह ने माल्या को दिवालिया घोषित करने का अनुरोध किया है ताकि उस पर बकाया करीब 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके. आपको बता दें कि जज ब्रिग्स ने पिछले साल दिसंबर में माल्या की अब बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को दिये गये कर्ज पर दोनों पक्षों की दलीलें सुननी थी और बाद में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अपने फैसले में न्यायाधीश इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि भारत में माल्या पर चल रहे कानूनी मामलों में फैसला आने की संभावना नजर आ रही है.
लगभग 9,000 करोड़ का ऋण लेकर देश से भागे विजय माल्या ने भारतीय बैंकों के सामने लोन का मूलधन सौ फीसदी वापस करने की पेशकश कर चुके हैं. विजय माल्या पर भारत में मनी लॉड्रिंग और धोखाधड़ी का केस दर्ज है. इस 62 वर्षीय किंग फिशर कंपनी के मालिक के खिलाफ पिछले साल अप्रैल से ही वारंट जारी किया गया है और भारत सरकार ने इन्हें भगोड़ा घोषित किया हुआ है.
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