अमेरिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बीच में इस वक्त कोरोना वायरस को लेकर तकरार तेज हो गयी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों कई सवाल उठाते हुए संकेत दिया था कि वह डब्लूएचओ फंडिंग रोक सकते हैं, जिसपर अब वह आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने डब्लूएचओ पर चीन का साथ देने, कोरोना वायरस की बात छुपाने का आरोप लगाया था. ट्रंप के इस बयान पर डब्लूएचओ प्रमुख टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा- कोरोना वायरस के राजनीतिकरण से कोरेंटाइन रहें. दलगत, विचारधारा और धार्मिक मतांतर से ऊपर उठें. कोरोना पर सियासत मत कीजिए, यह आग से खेलने जैसा है.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा, जहां दरार होता है, वहां वायरस घुस हमें हरा सकता है. किसी देश की व्यवस्था चाहे जितनी भी अच्छी हो लेकिन राष्ट्रीय एकता के बिना वह खतरे में होगा. राजनीतिक दलों के पास खुद को सिद्ध करने के दूसरे बहुत से मुद्दे होंगे, कृपया इस वायरस को राजनीति का हथियार न बनाएं. कहा कि अगर आप इसे हल्के में लेना चाहते हैं और सबकुछ नकार देना चाहते हैं, या फिर आप चाहते हैं कि और भी लोग मरें, तो आप इसपर राजनीति ही करिए. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया हलकान है. इस वायरस की चपेट में दुनिया भर में 16 लाख से ज्यादा लोग हैं वहीं 81 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
'The focus of political parties should be to save their people': The @WHO's stark warning to leaders to avoid politicising COVID-19: https://t.co/Ge4mCV7ABa #covid19 #coronavirus @DrTedros pic.twitter.com/SAEtCeX3fw
— World Economic Forum (@wef) April 8, 2020
कोरोना वायरस महामारी ने दुनियाभर में जो तबाही मचाई है, उसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर हमलावर हैं. इसी के साथ उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन का साथ देने, कोरोना वायरस की बात छुपाने का आरोप लगाया है. अब डोनाल्ड ट्रंप लगातार अमेरिका के द्वारा डब्लूएचओ को दी जाने वाली फंडिंग रोकने की धमकी दे रहे हैं और उन्होंने संकेत दिए हैं कि इस दिशा में कदम बढ़ाए जा चुके हैं. बुधवार को ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, डब्लूएचओ ने कई मौकों पर अमेरिका के साथ भेदभाव किया है, ऐसे में वो हमपर राजनीति करने का आरोप नहीं लगा सकते हैं. चीन डब्लूएचओ को सिर्फ 42 मिलियन देता है, लेकिन अमेरिका 450 मिलियन की मदद देता है. इसके बावजूद सबकुछ चीन के हक में ही जा रहा है.
बता दें कि अमेरिका में अबतक कोरोना वायरस की वजह से 4 लाख से अधिक लोग बीमार हैं, जबकि 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में करीब 10 लाख लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं.